राजस्थान की राज्यसभा सीट के लिए 3 सितंबर को होने वाले उपचुनाव को लेकर भाजपा में हलचल तेज हो गई है। टिकट के लिए पार्टी के भीतर खींचतान और संभावित उम्मीदवारों की लंबी सूची सामने आई है। इस चुनाव में टिकट के लिए दावेदारों की सूची में प्रमुख नामों में पूर्व प्रतिपक्ष के नेता राजेंद्र राठौड़, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया, और डॉ. अरुण चतुर्वेदी शामिल हैं।
भाजपा की राष्ट्रीय मंत्री डॉ. अलका गुर्जर, पूर्व मंत्री प्रभु लाल सैनी, और कृषि मंत्री डॉ. करोड़ी लाल मीणा के भाई ब्रज मोहन मीणा के नाम भी चर्चा में हैं। हाल ही में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से डॉ. अरुण चतुर्वेदी की मुलाकात ने उनकी उम्मीदवारी को लेकर चर्चाओं को और तेज कर दिया है।
भाजपा के सूत्रों के अनुसार, पार्टी नेतृत्व इस बार व्यापक विचार-विमर्श के बाद उम्मीदवार के नाम की घोषणा करेगा। टिकट की दौड़ में शामिल सभी नामी नेताओं को पार्टी के अंदर और बाहर समर्थन प्राप्त है, जिससे चुनावी समीकरण और भी जटिल हो गए हैं।
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि भाजपा इस उपचुनाव में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए एक रणनीतिक उम्मीदवार को मैदान में उतार सकती है। आगामी दिनों में भाजपा की केंद्रीय समिति की बैठक में उम्मीदवार के नाम की औपचारिक घोषणा की जा सकती है।
राजस्थान की राजनीति में गहरी दिलचस्पी रखने वाले लोगों और पार्टी के कार्यकर्ताओं की नजर इस उपचुनाव पर टिकी हुई है। राजनीतिक परिदृश्य के बदलते हुए हालात और नेताओं की संभावित दावेदारी से आगामी चुनावी मुकाबला दिलचस्प होने की संभावना है।