मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा हाल ही में आचार संहिता लगने से एक दिन पहले राजस्थान लोक सेवा आयोग में लेफ्टिनेंट कर्नल केसरी सिंह की नियुक्ति को लेकर विवाद पैदा हो गया है। राजस्थान जाट महासभा के अध्यक्ष राजाराम मील ने उनका विरोध प्रकट करते हुए कहा है कि वह खुले मंचों पर जाति विरोधी बयान देते रहते हैं । यह भी आरोप लगाया जा रहा है कि वे आरपीएससी में जाकर सही तरीके से कामकाज नहीं करेंगे ।
राजस्थान जाट महासभा के अध्यक्ष राजा राम मिलने राज्यपाल कलराज मिश्र को पत्र लिखकर कहां है कि राजस्थान लोक सेवाआयोग में को पत्र लिखकर कहा है कि एक विवादित व्यक्ति की नियुक्ति की गई है जिसके बारे में हम आपके पत्र भेजकर अवगत करा रहे हैं । उन्होंने कहा कि राजपूत समाज मे अनेकों विद्वान है जिनकी नियुक्ति से किसी प्रकार का विवाद नहीं होता पंरतु एक ऐसे सदस्य की नियुक्ति जो सरेआम सामाजिक वैमनस्यता फैलाता हो उसकी नियुक्ति ऐसे किसी भी संवैधानिक पद पर करना जिससे लाखों युवाओं के भविष्य को नुकसान पहुंचने की संभावना हो,सरासर गलत है। मामले में उच्च स्तरीय जांच करवाकर किसी योग्य और विश्वसनीय व्यक्ति की नियुक्तिआरपीएससी सदस्य के पद पर की जानी चाहिए।
राजस्थान विश्वविद्यालय के अध्यक्ष रहे निर्मल चौधरी ने भी मुख्यमंत्री को सीधे तौर पर चेतावनी ने देते हुए कहा कि है कि उन्होंने युवाओं की मंशा के खिलाफ आरपीएससी में लेफ्टिनेंट कर्नल केसरी सिंह की नियुक्ति की है।
उन्होंने कहा है कि उनसे युवा किसी भी कीमत पर संतुष्ट नहीं है वे आरपीएससी में निश्चित तौर पर भेदभाव करेंगे जो प्रदेश की युवाओं के लिए हित में नहीं है।