राजस्थान विश्वविद्यालय प्रशासन पर करोड़ों के घोटाले का आरोप लगाते हुए छात्र मांगे पूरी नहीं होने तक आमरण अनशन पर जा बैठे. छात्रों ने आरोप लगाया की विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से 90 फ़ीसदी छात्रों को पास आउट होने पर कॉशन मनी नहीं लौटाई जाती है. यही नहीं उन्होंने छात्र संघ चुनाव के नाम पर लिए जा रहे शुल्क का हवाला देते हुए, इस वर्ष छात्र संघ चुनाव कराने की भी मांग की.
विश्वविद्यालय प्रशासन से छात्रों के ये सवाल
– राजस्थान विश्वविद्यालय में कॉशन मनी लौटाने का क्या प्रावधान है
– किस प्रक्रिया से छात्र विश्वविद्यालय से कॉशन मनी ले सकते हैं
– 2010 के बाद कितने छात्रों को कॉशन मनी लौटाई गई है
– क्या विश्वविद्यालय कॉशन मनी रिफंड को लेकर कोई ऑफिशियल नोटिफिकेशन जारी करता है
छात्र संघ चुनाव कराने की मांग को लेकर छात्रों ने गांधीवादी तरीका अपनाते हुए बुधवार को आमरण अनशन का रुख किया. छात्र आमरण पर बैठे विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर अनशन पर बैठते हुए छात्र नेता शुभम रेवाड़ ने कहा कि विश्वविद्यालय में करोड़ों रुपए के घोटाले किए गए हैं. राजस्थान विश्वविद्यालय में हर छात्र से कॉशन मनी ली जाती है. राइट टू इनफार्मेशन एक्ट के तहत विश्वविद्यालय से जानकारी मांगी है कि 2010 के बाद कितने छात्रों को उनकी कॉशन मनी रिफंड की गई. उन्होंने आरोप लगाया कि करीब 90% छात्रों को पास आउट होने पर कॉशन मनी रिफंड नहीं की गई. जबकि हर साल लाखों छात्र पास आउट होते हैं और विश्वविद्यालय की जिम्मेदारी बनती है कि छात्रों को उनकी डिग्री के साथ-साथ कॉशन मनी भी रिफंड की जाए. करोड़ों रुपए विश्वविद्यालय के पास है, जिसका ब्योरा नहीं दिया गया.
इसके अलावा छात्रनेता शुभम रेवाड़ की ओर से एक पीआईएल भी दायर की गई है. छात्र संघ चुनाव के नाम पर विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से प्रत्येक छात्र से255 रूपए का शुल्क लिया जाता है. लेकिन जिस भी सत्र में छात्र संघ चुनाव नहीं हुए, उस सत्र का छात्र संघ चुनाव शुल्क रिफंड करना होगा. और चूंकि इस बार भी छात्रों से छात्र संघ चुनाव का शुल्क लिया गया है ऐसे में विश्वविद्यालय को आगे बढ़कर छात्र चुनाव कराने होंगे.
छात्र नेता शुभम रेवाड़ ने विश्वविद्यालय प्रशासन से ये सवाल पूछते हुए घोषणा की कि जब तक उनके सवालों का जवाब नहीं दिया जाता और उनकी मांग नहीं मानी जाती तब तक वो अपना अनशन जारी रखेंगे.