भाजपा के सत्ता में लौटने के साथ नए मुख्यमंत्री के नाम को लेकर जयपुर से दिल्ली तक चर्चा जोरों पर है। जयपुर में भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अपने निवास पर विधायकों को बुलाकर शक्ति प्रदर्शन करने का प्रयास किया। राजे के शक्ति प्रदर्शन को लेकर केंद्र नाराज है। उन्हें संदेश दिया गया है कि वह दिल्ली आए और जयपुर में विधायकों को अपने पास बुलाकर किसी भी तरह का बग़ावती सुर में काम नहीं किया जाए ।
वही दूसरी और दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मंगलवार को चुनाव प्रभारी और संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी, प्रभारी अरुण सिंह और प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने मुलाकात की। विधायक दल की बैठक और पार्टी के पर्यवेक्षकों की नियुक्ति को लेकर विचार विमर्श किया गया। ऐसा माना जा रहा है कि बुधवार को विधायक दल की बैठक जयपुर में आयोजित की जाए और वहां मुख्यमंत्री के नाम का पैनल तैयार कर अंतिम निर्णय के लिए संसदीय बोर्ड को भेजा जाए जिससे कि फैसला किया जा सके। फिलहाल मुख्यमंत्री को लेकर कोई निर्णय नहीं हुआ है। यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की आपसी सहमति से होगा। लेकिन अब दिल्ली में तीनों राज्यों कीनई सरकार के गठन को लेकर हलचल तेज हो गई है। ऐसा कहा जा रहा है कि राजस्थान में सरकार के गठन को शीघ्र किया जाए
नए मुख्यमंत्री के नाम को लेकर अब अर्जुन राम मेघवाल,सीपी जोशी, गजेंद्र सिंह शेखावत,ओम बिरला, ओम माथुर, दिया कुमारी, बालक नाथ और प्रकाश गुप्ता के नाम की चर्चा भी रही। लोकसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा मुख्यमंत्री का फैसला लंबे मंथन के बाद करना चाहती है।
फिलहाल जयपुर में मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अपने निवास पर विधायकों के मिलने का सिलसिला शुरू किया जो रात तक जारी रहा। यह दावा किया जा रहा है कि लगभग 45 विधायक पूर्व सीएम राजे से मिलने जयपुर आए हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से मिलने के लिए कालीचरण सराफ, बाबू सिंह राठौड़, प्रेमचंद बैरवा, गोविंद रानीपुरिया, ललित मीणा, कंवरलाल मीणा, राधेश्याम बैरवा, कालूलाल मीणा, केके विश्नोई, विक्रम बंशीवाल,भागचंद टाकड़ा, रामस्वरूप लांबा, प्रताप सिंह सिंघवी, गोपीचंद मीणा, बहादुर सिंह कोली, शंकर सिंह रावत, मंजू बाघमार, विजय सिंह चौधरी, समाराम गरासिया, रामसहाय वर्मा, पुष्पेंद्र सिंह राणावत, शत्रुघ्न गौतम, गजेंद्र खींवसर, गुरवीर सिंह आदि ने भी वसुंधरा के आवास पर उनसे मुलाकात की। इन सभी विधायकों का कहना है कि पूर्व सीएम राजे को मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए।
केंद्रीय नेतृत्व पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा की इस गतिविधियों से नाराज है और उन्होंने पूर्व सीएम राजे को दिल्ली आने को कहा है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की गतिविधि किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कुछ विधायकों को भी संदेश दिया गया है कि वह ऐसा कोई काम नहीं करें जिससे कि लगे केंद्रीय नेतृत्व को लेकर कोई चुनौती दी जा रही है। बुधवार को दिल्ली में नए सीएम को लेकर हलचल और तेज होगी।विधायकों को स्पष्ट रूप से निर्देश आए हैं कि वह ऐसा कोई काम नहीं करें जिससे कि गलत संदेश जाए।