स्कूल शिक्षा विभाग के शासन सचिव कृष्ण कुणाल ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की गाइडलाईन के अनुरूप गुणवत्तायुक्त शिक्षा सुनिश्चित करें।
कुणाल शुक्रवार को शिक्षा संकुल में आयोजित राष्ट्रीय शिक्षा नीति की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने शिक्षा विभाग सहित कॉलेज शिक्षा, चिकित्सा विभाग सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, महिला अधिकारिता, जनजाति विकास विभाग को आवंटित टास्क निर्धारित समय पर पूर्ण करने तथा क्रियान्वयन समितियों की बैठक आयोजित कर प्रगति की नियमित समीक्षा के निर्देश दिए।
उन्होंने सामाजिक आर्थिक रूप से वंचित, आदिवासी क्षेत्र, घुमन्तु एवं पशुपालक वर्ग को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से जोड़ने के लिए विशेष प्रयास करने तथा मा-बाड़ी केन्द्रों से समन्वय कर कक्षा 4 उत्तीर्ण सभी छात्रों को कक्षा 5 में प्रवेश सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। प्रवेशेत्सव के दौरान आंगनवाड़ी केन्द्रों मे पंजीकृत 6 वर्ष के बालकों का विद्यालयों में शत-प्रतिशत प्रवेश सुनिश्चित करें। उन्होंने शत-प्रतिशत साक्षर राजस्थान बनाने के लक्ष्य को अर्जित करने पर भी जोर दिया।
उन्होंने ड्रॉप आउट रोकने के लिए सामाजिक कार्यकर्ताओं का सहयोग लेने, छात्रों को स्थानीय इतिहास एवं संस्कृति की जानकारी देने, होलिस्टिक रिपोर्ट कार्ड के फोर्मेट को सरल बनाने, व्यावसायिक शिक्षा के प्रशिक्षण को प्रभावी बनाने के निर्देश दिए।
उन्होंने सरकारी एवं निजी विद्यालयों में समन्वय कर खेल मैदान, पुस्तकालय, लैब आदि सुविधाओं का लाभ अधिक से अधिक छात्रों को देने की कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए। सामुदायिक गतिशीलता के अन्तर्गत स्थानीय सेवानिवृत्त शिक्षकों को जोड़कर विद्यालयों में शिक्षकों के रिक्त पदों वाले विषयों के अध्ययन की वैकल्पिक व्यवस्था के प्रयास करने तथा आईसीटी लैब से अधिकाधिक छात्रों को लाभान्वित करने के निर्देश दिए।
बैठक में विशिष्ट शासन सचिव, शिक्षा श्रीमती चित्रा गुप्ता, आयुक्त, राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद् अविचल चतुर्वेदी, निदेशक माध्यमिक शिक्षा आशीष मोदी, निदेशक आरएससीईआरटी श्रीमती कविता पाठक, अतिरिक्त राज्य परियोजना निदेशक श्रीमती पूनम प्रसाद सागर एवं सुरेश कुमार बुनकर सहित संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।