प्रदेश में लम्पी स्किन डिज़ीज़ रोग के नियंत्रण एवं रोकथाम के लिए पूर्व तैयारियों तथा स्टेक होल्डर्स विभागों के बीच अन्तर्विभागीय समन्वय स्थापित किए जाने को लेकर गुरुवार को शासन सचिवालय में बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता पशुपालन विभाग के प्रमुख शासन सचिव विकास सीताराम भाले ने की।
पशुपालन विभाग के प्रमुख शासन सचिव भाले ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि गौवंश में फैलने वाली लम्पी बीमारी एक भयावह बीमारी है। इसका कोई इलाज नहीं है। लेकिन टीकाकरण से इसका बचाव किया जा सकता है।
पशुपालन विभाग के प्रमुख शासन सचिव भाले ने कहा कि पिछले वर्ष इस बीमारी से राजस्थान में एक भी गौवंश की मृत्यु नहीं हुई थी। पशुपालन विभाग ने इस वर्ष भी अपनी पूरी तैयारी कर ली है। जिलों में टीके भिजवाए जा रहे हैं। इसके साथ ही राज्य एवं जिला स्तर पर नियंत्रण कक्ष स्थापित किए जाएंगे। रोग सर्वेक्षण, निदान, प्रभावित पशुओं के उपचार, टीकाकरण एवं नियंत्रण हेतु प्रसार माध्यमों का उपयोग किया जाएगा। पशुपालन विभाग सभी स्टेक होल्डर्स विभागों के साथ नोडल विभाग के रूप में काम करेगा। विभाग द्वारा जल्द ही इस रोग की रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु गाईडलाईन जारी कर दी जाएगी।
बैठक में पशुपालन विभाग के निदेशक भवानी सिंह राठौड़ और संयुक्त निदेशक डॉ. तपेश माथुर ने लम्पी रोग और स्टेक होल्डर्स विभागों के बीच समन्वय पर अपनी प्रस्तुति दी। बैठक में पशुपालन विभाग के अतिरिक्त निदेशक डॉ. प्रवीण गुप्ता, गोपालन विभाग की निदेशक डॉ. शालिनी शर्मा, आरसीडीएफ के महाप्रबंधक डॉ. संतोष कुमार शर्मा, वन विभाग, स्वायत्त शासन विभाग, पंचायती राज विभाग, हिंगोनिया गौशाला और राजस्थान गौ सेवा संघ के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।