एसएमएस हॉस्पिटल में 23 वर्षीय युवक सचिन शर्मा को ग़लत ग्रुप का ब्लड चढ़ाने पर मृत्यु के बाद सरकार द्वारा कार्यवाही पर रेजिडेंट डॉक्टर्स का कार्य बहिष्कार बिलकुल भी उचित नहीं है ।आम जनता और संगठनों ने हमेशा रेज़िडेंट और चिकित्सकों की हड़ताल के समय पर हमेशा साथ दिया है लेकिन हॉस्पिटल में सभी की लापरवाही से एक युवक की मौत पर पी जी कर रहे मेडिकल विधार्थियो हड़ताल पर चले जाना ये प्रतिक्रिया चिंतनीय है । यह तो वही बात हो गयी कि एक तो चोरी उस पर सीना जोरी हमारी लापरवाही से लोगो को मारेंगे भी और हम पर कोई कार्यवाही की तो काम भी नहीं करेंगे। ऐसे तो हर विभाग में ऐसे प्रतिक्रिया हुई तो सिस्टम ही फेल हो जाएगा ।
इस हड़ताल का सामाजिक सगठनो ने विरोध करना शुरू कर दिया है | सुनील उदेईया, प्रदेश अध्यक्ष फाइट फॉर राइट का कहना है कि पीजी कर छात्रों को सरकारी ख़ज़ाने से मुफ़्त में चिकित्सा शिक्षा लेते समय लाखों रुपये स्टाईफण्ड भी दिया जाता है और यदि लापरवाही हुई है तो सजा भी भुगतनी होगी । अत: रेज़िडेंट को मामले की गंभीरता समझ कर निर्णय लेना चाहिए |वही अनिल चतुर्वेदी प्रदेश संयोजक फाइट फॉर राइट बताया कि वैसे भी एपीओ कोई सजा नहीं होती ऐसे में पी जी कर रहे मेडिकल छात्रों को हड़ताल नहीं करनी चाहिए नहीं तो आम जनता में उनकी छवि ख़राब होगी और आम जनता भी उनके खिलाफ सड़कों पर उतर सकती है ।