डीजीपी साइबर सुरक्षा डॉ रवि प्रकाश मेहरड़ा ने कहा कि साइबर ठगी होने का मुख्य कारण लालच और अज्ञानता है। साइबर युग में साइबर ठगी से बचने के लिए साइबर संबंधी जागरूकता आवश्यक है। इसके लिए आमजन को सतर्क और सावधान होना ही होगा।
डॉ मेहरड़ा ने बताया कि अधिकतर वारदातें लुभावने ऑफर देकर, फर्जी ईमेल, लिंक, मैसेज या फोन कॉल के जरिए होती है। बैंक अथॉरिटी, पुलिस विभाग और संबंधित विभागों द्वारा साइबर जागरूकता की दृष्टि से एडवाइजरी भी जारी की जाती है। एडवाइजरी में लुभाने लिंक पर क्लिक ना करने, अपनी निजी जानकारी किसी अनजान को साझा नहीं करने आदि से संबंधित जानकारी दी जाती है।
डीजीपी साइबर ने जोधपुर पूर्व पुलिस की कार्रवाई की तारीफ करते हुए बताया कि 28 नवंबर को शातिर बदमाशों ने थाना महामंदिर निवासी हैंडीक्राफ्ट व्यापारी अरविंद कालानी से 16 करोड रुपए की ठगी की। जिला पुलिस की टीम ने साइबर सेल के सहयोग से अब तक 11 करोड रुपए से अधिक रकम पीड़ित के खाते में रिफंड करवायी है एवं शेष रकम बरामदगी की कार्रवाई जारी है।
उन्होंने बताया कि अपराधियों ने व्यापारी से बड़ा स्कैम किया था। पीड़ित के अकाउंट से जो रकम ट्रांसफर हुई वह अलग-अलग खातों में गई। जोधपुर पुलिस ने 100 से अधिक लाभान्वित बैंक खातों को ट्रेस कर 11 करोड़ से अधिक रकम रिकवर कर अलग-अलग राज्यों से 14 ठगों को गिरफ्तार किया।
मेहरडा ने बताया कि अधिकतर मामलों में रिपोर्टिंग और क्राइम के बीच टाइम गैप होने के कारण बैंक सिस्टम से पैसा निकलने के कारण ठगी की रकम का रिकवर होना काफी मुश्किल होता है। उन्होंने आमजन से अपील की है कि ठगी के बारे में सतर्क और सावधान होने के साथ घटना होने पर तुरंत 1930 नंबर पर कॉल करें और संबंधित थाना पुलिस को सूचना दे।