राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टीके सुप्रीमो और नागौर सेइंडिया गठबंधन के सांसद हनुमान बेनीवाल ने मंगलवार को खींवसर विधायक पद से इस्तीफा दे दिया। बेनीवाल ने विधानसभा पहुंचकर विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी को अपना इस्तीफा सौंपा। उन्होंने कहा कि राजस्थान में होने वाले उप-चुनाव में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) खींवसर में अकेले चुनाव लड़ेगी। खींवसर के अलावा जिन-जिन क्षेत्रों में आरएलपी का प्रभाव है, सभी जगह अगर मौका मिलेगा तो पार्टी चुनाव लड़ेगी।
हनुमान बेनीवाल ने साफ किया कि उनका गठबंधन केंद्र में है, राज्य में अभी कोई गठबंधन नहीं है। वह इंडिया गठबंधन से इस बारे में चर्चा होने के बाद ही कुछ कह पाएंगे।
नागौर से भाजपा प्रत्याशी रहीं ज्योति मिर्धा को लेकर बेनीवाल ने कहा कि उनके परिवार ने हमेशा अन्य पार्टियों का झंडा उठाया है। उन्होंने कभी अपनी पार्टी नहीं बनाई। वे अपनी पार्टी बनाकर चुनाव लड़े। उन्हें अपनी औकात पता लग जाएगी। ज्योति मिर्धा 5 हजार से ज्यादा वोट नहीं ला पाएगी।
हनुमान बेनीवाल ने कहा कि ज्योति मिर्धा चार बार चुनाव हार चुकी हैं। उन्हें और कितने चुनाव हराओगे। खींवसर से मैंने वसुंधरा राजे के विरोध के बाद 2013 में निर्दलीय चुनाव लड़कर जीता। उससे पहले और उसके बाद में लगातार खींवसर से चुनाव जीत रहा हूं।
लोकसभा चुनावों में निर्वाचित होकर सांसद बने प्रदेश के 5 विधायकों ने अपनी विधायकी छोड़ दी हैं। दौसा से कांग्रेस विधायक मुरारीलाल मीणा, देवली-उनियारा कांग्रेस विधायक हरीश मीणा, झुंझुनूं सेकांग्रेस विधायक बृजेंद्र ओला, खींवसर से लोकतांत्रिक पार्टीके विधायक हनुमान बेनीवाल ने विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी को अपना इस्तीफा सौंप दिया। इससे पहले चौरासी विधानसभा से भारत आदिवासी पार्टी के विधायक राजकुमार रोत ने 14 जून को ही विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी को अपना इस्तीफा सौंप दिया था।
ये पांचों विधायक लोकसभा चुनावों में सांसद निर्वाचित हुए हैं। ऐसे में नियामनुसार इन्हें एक पद छोड़ना था। इन विधायकों के इस्तीफा देने के बाद प्रदेश में इन पांचों सीटों पर उप-चुनाव होंगे।