राजस्थान के लोकसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस के लिए मजबूत और कांटे की टक्कर की मानी जाने वाली सीटों पर अधिकांश स्टार प्रचारक नहीं आए। अब प्रत्याशियों ने इसको लेकर आलाकमान को शिकायत की है। कांग्रेस के अंदरखाने भी इसको लेकर गुटबाजी और दबाव की राजनीति चल रही है। 6 सीटें ऐसी हैं, जिन पर प्रत्याशियों का कहना है कि स्टार प्रचारक नहीं आए।
पार्टी स्टेट लेवल पर संगठित दिखी, लेकिन राष्ट्रीय स्तर से स्टार प्रचारकों का समन्वय कमजोर रहा। झुंझुनूं से विधायक बृजेन्द्र ओला, सवाईमाधोपुर-टोंक से विधायक हरीश मीणा, दौसा से कांग्रेस के विधायक मुरारी लाल मीणा, अलवर से कांग्रेस विधायक ललित यादव विधायक होते हुए चुनाव लड़े। इनकी फाइट तगड़ी मानी जा रही है। बीजेपी के स्टार प्रचारक इन सीटों पर आए, लेकिन प्रत्याशियों का कहना है कि कांटे की टक्कर के बावजूद बेहद मजबूत मानी जाने वाली इस सीटों पर सारे दिग्गज स्टार प्रचारक नहीं आए। दौसा में प्रियंका गांधी ने सभा की थी।
मेवाड़ वागड़ की भी शिकायत
मेवाड़ वागड़ में 4 सीटें हैं। लेकिन इन पर भी कांग्रेस के सारे स्टार प्रचारक नहीं आए। दूसरे चरण में खासकर राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे और प्रियंका गांधी का नहीं आना मुद्दा बन गया है। वहीं मेवाड़ वागड़ की 4 लोकसभा सीटों के लिए बीजेपी ने चुनाव प्रचार में केंद्रीय नेताओं को उतारा था।
पीएम नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभाएं और रोड शो किए। चुनावी सभा स्टार प्रचारकों के नदारद रहने का जवाब राजस्थान स्तर से कोई नहीं दे रहा। इस कारण दिल्ली शिकायतें की गई है।