लोकसभा चुनाव 2024 के सातवें चरण का चुनाव संपन्न होने के साथ ही होते ही सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश की निर्वाचन प्रक्रिया से जुड़ा एक बड़ा काम संपन्न हो गया। लोकतंत्र की आत्मा कहे जाने वाले चुनाव कुछ छूटपुट घटनाओं को छोड़कर शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो गया। हमारे मतदाता यानि भारत के भाग्य विधाता की इस चुनाव में सर्वाधिक महत्वपूर्ण भूमिका रही क्योंकि उनके मतदान के बिना यह यज्ञ सफल नहीं हो पाता। हालांकि मतदान प्रतिशत चिंता का विषय रहा। सरकार और निर्वाचन आयोग को देखना होगा कि आगे इसको कैसे सुधारा जा सकता है। गर्मी का मौसम भी कम मतदान का एक बड़ा कारण रहा। वैसे तो देश में चुनाव सितंबर-अक्टूबर में ही होते थे लेकिन अटलजी की ओर से 2004 में छह महीने पहले लोकसभा चुनाव करा दिये जाने के चलते अब यह अप्रैल-मई महीने में कराये जाते हैं। ऐसे में जबकि भारत ‘एक देश, एक चुनाव’ की ओर कदम बढ़ा रहा है तब इसका भी कुछ उपाय निकाला जाना चाहिए कि चुनाव इस प्रचंड गर्मी की बजाय थोड़ा पहले या बाद में कराये जायें।
इस चुनाव की एक और खास बात यह रही कि जहां पिछला चुनाव व्हाट्सएप संदेशों के माध्यम से जनता तक अपनी बात पहुँचा कर लड़ा गया था वहीं इस बार यूट्यूब चैनलों की भी बहुत बड़ी भूमिका रही।
NSC9 न्यूज़ का एक्जिट पोल परिणाम–
लोकसभा चुनाव में जनता ने अपना मत देकर प्रत्याशियों के भाग्य को ईवीएम में बंद कर दिया हैं जो चार जून को सबके सामने आ जाएँगे। मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग करके लोकतंत्र के महापर्व में अपना अहम किरदार अदा कर दिया हैं अब बस 4 जून को हवा और सत्ता किसके पलड़े में आएगी ये देखना बाक़ी हैं। NSC9 न्यूज़ ने मतदाताओं और धरातल पर जाकर लोगो का मन टटोला और जन कि जनता के मन में क्या हैं । जनता इस चुनाव में क्या सोच रही हैं क्या महसूस कार रही हैं और क्या आशा रखती हैं सरकार से। जनता से बातचीत के आधार पर जो संभावित चुनाव परिणाम का आकलन किया है उससे इस बार चुनाव में तीसरी बार मोदी सरकार बनने की संभावना लग रही है। 2024 के चुनाव में भाजपा अपने बलबूते 315 से 335 के बीच और एनडीए के साथ 370 सीटों तक पहुँच सकती है। पश्चिम बंगाल, ओडिशा, तमिलनाडु और पंजाब इस बार भाजपा की सीटों में इजाफा करने जा रहे हैं जिससे उसका आंकड़ा पिछली बार के 303 से बढ़कर इस बार 335 तक जा सकता है। तीसरी बार मोदी सरकार बनने में उत्तर प्रदेश सबसे प्रभावी भूमिका निभा रहा है क्योंकि यहां भाजपा और एनडीए मिलकर 65 सीटों से ज्यादा हासिल करता दिख रहा है। इसी प्रकार कांग्रेस पार्टी इस बार 50 सीटों का आंकड़ा पार कर रही है और इंडिया गठबंधन कुल मिलाकर 125 सीटों के आसपास रह सकता है। अन्य सीटें क्षेत्रीय दलों और निर्दलीयों के पास जाने की संभावना है।