जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने बुधवार को विधानसभा में कहा कि अजमेर शहर में नियमित जलापूर्ति सुनिश्चित करने के लिए इस वर्ष बजट में 265 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है।
इसके अतिरिक्त अमृत 2.0 योजना के तहत अजमेर शहर में पेयजल के लिए 186.17 करोड़ रूपये स्वीकृत किए हैं, जिसमें से 86 करोड़ रुपये के कार्य विधानसभा क्षेत्र अजमेर दक्षिण के लिए स्वीकृत किए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के प्रयासों से वर्तमान में अजमेर में 72 घंटे के स्थान पर 48 घंटे में जलापूर्ति सुनिश्चित की गई है।
विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने आरोप लगाते हुए कहा कि अजमेर में 4 से 5 दिन में पानी आ रहा है। पानी की विकट समस्या हैइसको दूर किया जाने की जरूरत है।जलदाय मंत्री कन्हैया लाल चौधरी कोनिर्देश देते हुए कहा कि वह इस मामले में पूरी समीक्षा करें औरजो भी करना हो करें लेकिन पानी की समस्या का समाधान होना ही चाहिए।
जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी प्रश्नकाल के दौरान सदस्य द्वारा इस संबंध में पूछे गए पूरक प्रश्नों पर जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार के कुप्रबंधन के कारण प्रदेश के 186 शहरों के लिए स्वीकृत की गई अमृत 2.0 योजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट बनने में देरी हुई। गत सरकार के समय योजना के लिए अधिकृत फर्म द्वारा बिना मौका मुआयना किए केवल बाहरी क्षेत्रों के आधार पर ही डीपीआर बना दी गई। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार द्वारा डीपीआर का परीक्षण करवाया गया और योजना के अंतर्गत लिए गए कार्यों का चयन आवश्यकता अनुरूप नहीं पाए जाने पर फर्म द्वारा सम्बंधित अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों की उपस्तिथि में मौका मुआयना कर डीपीआर को संशोधित किया गया।
उन्होंने बताया कि 186 में से 30 डीपीआर पूर्ण कर ली गई है, जिनकी निविदा का कार्य प्रक्रियाधीन है। उन्होंने आश्वस्त किया कि अगले माह तक समस्त डीपीआर प्राप्त कर निविदा की कार्यवाही की जाएगी।
इससे पहले भाजपा विधायक श्रीमती अनिता भदेल के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने सदन को अवगत कराया कि केंद्र सरकार द्वारा 25 जून, 2015 को अमृत योजना प्रथम की शुरूआत की गई। प्रदेश में अमृत योजना प्रथम के अंतर्गत 23 शहरों एवं कस्बों की जलापूर्ति योजनाओं की 1007.36 करोड़ रूपये की स्वीकृति केंद्र सरकार के शहरी विकास मंत्रालय की एपेक्स कमेटी द्वारा 18 नवंबर, 2016 को जारी की गई। शहरवार स्वीकृत योजनाओं की सूची उन्होंने सदन के पटल पर रखी।
उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा 1 अक्टूबर, 2021 को अटल नवीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन (अमृत 2.0) योजना की शुरूआत की गई। इस योजना के अंतर्गत 178 शहरों एवं कस्बों की जलापूर्ति योजनाओं की 4769.84 करोड़ रूपये की स्वीकृति 6 फरवरी, 2023 एवं 5 शहरों एवं कस्बों की जलापूर्ति योजनाओं की 353.22 करोड़ रूपये की स्वीकृति 17 मई, 2023 को जारी की गई। इस प्रकार 183 शहरों एवं कस्बों के लिये कुल 5123.06 करोड़ रूपये की स्वीकृति जारी की गई। शहरवार स्वीकृत योजनाओं की सूची उन्होंने सदन के पटल पर रखी।
जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने बताया कि अमृत योजना प्रथम के अंतर्गत अजमेर शहर के लिए पेयजल वितरण प्रणाली में संवर्धन की योजना 29.98 करोड़ रूपये की डी.पी.आर. की स्वीकृति रूडसिकों की राज्य स्तरीय तकनीकी समिति द्वारा 30 मार्च, 2017 को जारी की गईं। अमृत योजना प्रथम एवं स्मार्ट सिटी योजना के कार्यों का समेकित कार्यादेश 9 मई, 2018 को 103.09 करोड़ रूपये का जारी किया गया। अमृत योजना प्रथम के समस्त कार्य 24 अप्रैल, 2022 को पूर्ण कर 28.01 करोड़ रूपये का व्यय किया गया एवं कोई राशि शेष नहीं है। कार्यवार विवरण उन्होंने सदन के पटल पर रखा।
उन्होंने जानकारी दी कि अमृत 2.0 योजना के अंतर्गत अजमेर शहर की पेयजल योजना की स्वीकृति 06 फरवरी, 2023 को 186.17 करोड़ रूपये की जारी की गई। योजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट बनाई जा रही है जिसे अगस्त, 2024 तक बनाकर तकनीकी स्वीकृति उपरांत निविदा प्रक्रिया प्रारंभ करना प्रस्तावित है। यह कार्य दिसम्बर, 2026 तक पूर्ण करना लक्षित है।
उन्होंने बताया कि अमृत योजना प्रथम के अंतर्गत 23 शहरों एवं कस्बों में से 19 के कार्य पूर्ण कर लिए गए हैं। शेष 4 शहरों धौलपुर, हिण्डौन सिटी, झालावाड़ और बारां के कार्य अपूर्ण हैं। कार्यों के पूर्ण होने में देरी का कारण मुख्यतः संवेदक द्वारा धीमी गति से कार्य करना रहा है, जिसके कारण संवेदकों के विरूद्ध शास्ति आरोपित की गई है। इसका विवरण उन्होंने सदन के पटल पर रखा।