Home राजनीति वोटिंग में गांवों ने शहरों को पछाड़ा, हनुमानगढ़ रहा अपवाद

वोटिंग में गांवों ने शहरों को पछाड़ा, हनुमानगढ़ रहा अपवाद

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प्रदेश में हनुमानगढ़ को छोड़कर शेष राजस्थान का हाल ये है कि शहरों से ज्यादा गांवों में वोट पड़े है। शहरी क्षेत्र में 71.03 प्रतिशत वोट पड़े है जबकि ग्रामीण क्षेत्र में 75.68 प्रतिशत मतदान हुआ है। चुनाव आयोग की ओर से ताजा आंकड़ों में इसकी पुष्टि हुई है।

हनुमानगढ़ में शहरी क्षेत्र में 76.5 प्रतिशत मतदान हुआ है जबकि ग्रामीण क्षेत्र में 67.57 वोट पड़े है। बांसवाड़ा में 67.05 वोट शहरी क्षेत्र में पड़े है जबकि ग्रामीण क्षेत्र में 84.32 प्रतिशत वोट पड़े है। चित्तौड़गढ़ में शहरी क्षेत्र में 72 प्रतिशत तो ग्रामीण में 81.02 प्रतिशत मतदान हुआ है। प्रतापगढ़ में 82.97 प्रतिशत वोट ग्रामीण क्षेत्र में पड़े है जबकि शहरी क्षेत्र में ये आंकड़ा 71.65 प्रतिशत रहा है।

  • शहरी क्षेत्र में 12547698 कुल वोटरों में से 8937953 प्रतिशत वोट पड़े और ये आंकड़ा 71.23 रहा।
  • ग्रामीण क्षेत्र में कुल वोटर 40000477 था और 30273445 वोट पड़े। ये आंकड़ा 75.68 प्रतिशत रहा।

गांवों की जनता कांग्रेस सरकार को विदा करने के लिए आतुर हैं

गहलोत सरकार के खिलाफ हमने जन आक्रोश यात्राएं, परिवर्तन यात्राएं आदि निकाली थी । गांवों की जनता सरकार को विदा करने के लिए आतुर थी। ये ही वजह है कि गांवों का वोट प्रतिशत अधिक था। चूंकि गांवों में ही देश बसता है। ऐसे में पार्टी का फ़ोकस भी ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक था।
सीपी जोशी, प्रदेशाध्यक्ष, बीजेपी

हमारा फोकस ग्रामीण इलाकों में

हमारे बड़े नेता राहुल गांधी, अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ग्रामीण इलाकों में काफी सभाएं की। बड़े नेता और बाहर से आए नेताओं का भी फोकस ग्रामीण इलाकों पर रहा। हमारा फोकस ग्रामीण इलाकों में रहा भी था। हम किसानों की बात करते हैं, हमारी योजनाओं का असर भी गांवों में ज्यादा था। इसलिए वहां वोटिंग बढ़ी हैं।
सुखजिंदर सिंह रंधावा, कांग्रेस प्रभारी, राजस्थान

भाजपा-कांग्रेस दोनों के अपने-अपने दावे हैं जिनकी हकीकत 3 दिसम्बर को सामने आ जाएगी। वैसे ग्राउंड रिपोर्ट्स में कांग्रेस की महिलाओं को फ्री मोबाइल, कॉलेज छात्र-छात्रों को मुफ्त लैपटॉप/टैबलेट,सस्ता गैस सिलेंडर, मुफ्त बिजली और परिवार की महिला मुखिया को भत्ता जैसी योजनाओं पर चर्चा दिखी थी वहीं भाजपा का उठाया महिला असुरक्षा और पेपर लीक भी आम लोगों में मुद्दा थे।   

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