भारतीय हिंदू परंपरा में 16 संस्कारो में परिणय सूत्र एक अहम संस्कार माना जाता है और हर व्यक्ति ईश्वर को साक्षी मान कर इसे स्वीकार कर बड़े ही हर्षोल्लास के साथ एक उत्सव के रूप में इसे खुशी के साथ मनाता हैं, लेकिन ये खुशी तब ही सार्थक रूप में दिखाई देती हैं जब बिना किसी मांग और लालच के हो । आजकल के माहौल में शादी में दहेज एक बहुत बड़ी समस्या हैं। कई वधू पक्ष के लोग भारी अनुचित मांगो के दबाव के चलते शादियों में कर्जे के तले दबे हुए दिखाई देते हैं और अपनी बेटी की खुशी के लिए भरी भरकम कर्जे के बोझ के शिकार हो जाते हैं।
रघुनाथ सिंह मीना उप महाप्रबंधक युनाइटेड इंडिया इंश्यूरेंस ने अपने बेटे प्रतीक की दहेज मुक्त शादी कर समाज को संदेश दिया। यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस के उप महाप्रबंधक रघुनाथ सिंह मीना ने इस रीत को तोड़ा हैं और समाज में बड़ा ही अच्छा सकारात्मक संदेश देते हुए दहेज का विरोध किया हैं। रघुनाथ सिंह मीना ने अपने बेटे प्रतीक मीना और डॉ गौतम कुमार मीना ने अपने अपनी पुत्री आकांक्षा की आदिवासी रीति-रिवाज से दहेज मुक्त शादी कर समाज को अनूठा संदेश दिया हैं। यह शादी धराड़ी प्रथा के तहत हूई और शादी की रस्मे छतीसगढ़ से आये हुए गोंड आदिवासियों ने संपन्न करवाई ।
समाज के लोगों के लिए मिसाल बनी इस शादी की हर कोई सराहना करता हुआ दिखाई दिया।इस शादी में देश के हर राज्य से लोग आए जिनमें हर विभाग के अफ़सर भी आए। देशभर से आए लोग जयपुर के हेवन्स गार्डन में आए और वर-वधू को शुभकामनाएं देकर आशीर्वाद दिया। इस शादी में पूर्व डीजीपी, पूर्व सांसद और वर्तमान में देवली उनियारा से विधायक हरीश मीना समेत देश की कई ब्यूरोक्रेसी के अफसर मौजूद रहे।
दुनिया में अपनी बेहतरीन पहचान बनाने वाली “दी प्रभु की जोड़ी” ने शादी में रंगारंग प्रस्तुतियां दी। मीना ने अपने बेटे की दहेज मुक्त शादी रचाकर समाज में दहेज की कुप्रथा को समाप्त करने का संदेश दिया हैं।समाज के लोगों ने भी सामाजिक बदलाव के लिए दहेज किस अनूठी पहल को अच्छा और अनुकरणीय बताया।
मीणा ने अपने बेटे की दहेज मुक्त शादी रचा कर समाज में संदेश देते हुए दहेज लोभियों को करारा जवाब देने के साथ सरकार के संदेश दहेज मुक्त विवाह के नारों को आत्मसात करने का काम किया है।समाज के लोगों ने भी सामाजिक बदलाव के लिए दहेज की इस अनूठी पहल की सराहना की।