शासन सचिव, स्कूल शिक्षा कृष्ण कुणाल ने कहा कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अन्तर्गत प्रत्येक बालक को निःशुल्क शिक्षा का अधिकार दिया गया है।
श्री कुणाल ने सोमवार को शिक्षा संकुल में निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009, के अन्तर्गत राज्य के गैर सरकारी विद्यालयों में प्री-प्राइमरी (पीपी-3) एवं कक्षा-1 में 25 प्रतिशत सीटों पर समाज के असुविधाग्रस्त समूह एवं दुर्बल वर्ग को प्रवेश में वरीयता क्रम निर्धारण के लिए ऑनलाइन लॉटरी निकाली।
उन्होंने बताया कि लॉटरी द्वारा जारी वरीयता सूची को अभिभावक विद्यालयवार प्राइवेट स्कूल वेबपोर्टल www.rajpsp.nic.in के होम पेज पर ‘‘अभ्यर्थी प्राथमिकता क्रम‘‘ पर क्लिक करके देख सकते हैं। साथ ही अभिभावक अपने आवेदन की आईडी नम्बर व मोबाइल नम्बर से लॉगिन करके अपने बालक-बालिका का वरीयता क्रमांक सभी आवेदित विद्यालयों में एक साथ देख सकते हैं।
प्रदेश के इकत हजार आठ से सत्तावन निजी विद्यालयों में प्रवेश के लिए तीन लाख आठ हजार सात सौ बयासी बालक बालिकाओं के आवेदन प्राप्त हुए हैं। 7 जून से 25 जुलाई तक प्रथम चरण में विद्यालयों में प्रवेश दिए जाएंगे। 26 जुलाई से 16 अगस्त द्वितीय चरण तथा 17 अगस्त से 31 अगस्त तक तृतीय चरण में वरीयता के आधार पर प्रवेश दिए जाएंगे।
इस अवसर पर अतिरिक्त परियोजना निदेशक पूनम प्रसाद सागर, सुरेश कुमार बुनकर सहित आरटीई से संबंधित शिक्षा विभाग के अधिकारी एवं इलेक्ट्रॉनिक एवं प्रिन्ट मीडिया के पत्रकार उपस्थित रहे।