Saturday, October 12, 2024

शिक्षा राज्य मंत्री जाहिदा खान पर लगे आरोप , स्मार्ट क्लासेज में 110 करोड़ के प्रोजेक्ट में कमीशन नहीं मिलने पर काम रोकने का लगा आरोप, सीएम गहलोत दबाव में कोई जांच नहीं,भाजपा ने मामला किया उजागर

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शिक्षा विभाग में शिक्षा राज्य मंत्री जाहिदा खान को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा राहुल गांधी के कहने पर स्वतंत्र अधिकार दिए जाने के बाद कुछ गड़बड़ी होने की बात सामने आ रही है । प्रदेश की 9 हजार 401 स्कूलों में स्मार्ट क्लासेज बनाने के लिए 110 करोड़ का प्रावधान किया गया था। इस कार्य को पूरा करने के लिए वर्ष 2021-22 का लक्ष्य किया गया था। इसके लिए 3 कंपनियों को टेंडर दिया गया था। कमीशन बाजी के चक्कर में शिक्षा राज्यमंत्री जाहिदा खान ने इंटेस कंपनी का वर्क आर्डर निरस्त करने की धमकी दी गई थी। वर्क आर्डर के बावजूद आदेश निरस्त करने संभव नहीं था। शिक्षा राज्य मंत्री जायदा खान ने 5 जून को नोट से पर काम रोकने के आदेश दे दिए।
भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेश दाधीच ने भाजपा मुख्यालय पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए इस बात को उजागर किया। उन्होंने सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस के प्रदेश कार्यालय के बाहर कुछ मंत्रियों के भ्रष्ट होने के पोस्टर लगाए जाते हैं जिसमें जाहिदा खान भी शामिल है। उन्होंने कहा कि जाहिदा खान के पोस्टर भ्रष्ट होने के लगाए गए हैं उसके पीछे बहुत बड़ा राज छुपा है। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग में स्मार्ट क्लासेज बनाए जाने को लेकर भी व्यापक भ्रष्टाचार करने की योजना जिला खान ने बनाई थी काम को बीच में रोक देने का आदेश भी जारी किया गया है। 110 करोड़ का ठेका है काम नहीं हो पा रहा है। उन पर आरोप लगाया जा रहा है कि वह कमीशन के चक्कर में काम नहीं होने दे रही । नियम विरुद्ध दखलअंदाजी कर रही है।
भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेश दाधीच ने कहा कि स्मार्ट क्लासेज बनाने का टेंडर तीन कंपनियों को दिया गया था। तीनों कंपनियों ने काम शुरू भी कर दिया। लेकिन कमीशन नहीं मिलने के चलते मंत्री जाहिदा ने इंटेस कंपनी के लोगों को वर्क ऑर्डर निरस्त करने की धमकी देना शुरू कर दिया। इस संबंध में जाहिदा खान को अधिकारियों ने बताया कि वर्कऑर्डर होने के बाद पीडीआई रोका जाना संभव नहीं है। इसके बावजूद नाराज होकर मंत्री जाहिदा खान ने 5 जून 2023 को नोटशीट पर पीडीआई रोकने के आदेश जारी कर दिये। भारत सरकार के सहयोग से स्मार्ट क्लासेज में पढने का सपना देख रहे लाखों छात्रों का भविष्य कमीशन के खेल में चौपट हो गया।
भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेेश दाधीच ने मंत्री जाहिदा खान से सवाल करते हुए कहा कि मंत्री के निजि सहायक आसिफ और ताहिर सभी उच्च स्तरीय सरकारी बैठकों में किस हैसियत से शामिल होते हैं। शिक्षा मंत्री और शासन सचिव की आपसी नोंकझोंक का मामला सुर्खियों में रहा है। प्रदेश के मुख्यमंत्री एक मंत्री के इतने दबाव में हैं कि पूर्व में मोहनलाल यादव और अब श्रुति भारद्वाज मंत्री के कोप भाजन की शिकार हुई हैं।
मुकेश दाधीच ने कहा कि सप्लाई करने वाली कंपनी रोबोटिक (इंडस) पीडीआई में फेल होने के बाद भी लगातार माल सप्लाई करती रही। सवाल यह उठता है कि पुनः निरीक्षण के बाद किस आधार पर उस कंपनी के माल को पास किया गया। जबकि उसमें लगा हुआ थ्रीडी प्रिन्टर चाईनीज माल है। जिस पर भारत सरकार का लैंडबॉर्डर आदेश लागू होता है, जिसके तहत भारत सरकार ने इस माल पर रोक लगा रखी है।
शिक्षा विभाग में रोबोटिक इंटेस कंपनी पीडीआई में फेल होने के बाद माल की सप्लाई करती रही है। 3D प्रिंटर चाइनीस की सप्लाई की गई जबकि भारत सरकार ने उस पर रोक लगा रखी है। 40 हजार छात्रों को 40 करोड़ की लागत से मिलने वाले टेबलेट कमीशन के चक्कर में शिक्षा राज्यमंत्री जाहिदा खान ने आदेश निरस्त करा दिए गए।भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेश दाधीच ने कहा कि अब हम एसीबी में इसकी शिकायत करेंगे।
भाजपा का आरोप है कि सीएम गहलोत अपनी कुर्सी को बचाने के लिए शिक्षा राज्यमंत्री जाहिदा खान के घोटाले पर भी कोई ध्यान नहीं दे रहे। जांच की मांग करने के बाद भी जांच नहीं हो पा रही है। घटिया माल की खरीद और अच्छे काम रुक जाने से आने वाले समय में बजट के बावजूद भी काम समय पर पूरे नहीं हो पा रहे हैं।
वहीं दूसरी तरफ भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेश दाधीच पर भाजपा के शासन में शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी की करीबी होने के आरोप लगते रहे हैं । उन पर यह भी आरोप लगाया जाता है कि उन्होंने तबादलों में अच्छा खेल किया था।

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