Thursday, December 26, 2024

श्याम रंगीला को मिला इस पार्टी का समर्थन

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी लोकसभा सीट के चुनाव मैदान में ताल ठोकने उतरे राजस्थान निवासी व जाने-माने स्टेंड अप कॉमेडियन श्याम रंगीला को पहला राजनीतिक सपोर्ट मिला है। निर्दलीय प्रत्याशी के तौर नामांकन भरने में सफल रहे रंगीला को आज़ाद अधिकार सेना ने अपना समर्थन दिया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी लोकसभा सीट के चुनाव मैदान में ताल ठोकने उतरे राजस्थान निवासी व जाने-माने स्टेंड अप कॉमेडियन श्याम रंगीला को पहला राजनीतिक सपोर्ट मिला है। निर्दलीय प्रत्याशी के तौर नामांकन भरने में सफल रहे रंगीला को आज़ाद अधिकार सेना ने अपना समर्थन दिया है। 
आजाद अधिकार सेना भारत निर्वाचन आयोग द्वारा पंजीकृत एक राजनीतिक पार्टी है। इस पार्टी की कई राज्यों में इकाइयां होने के साथ ही राष्ट्र पदाधिकारियों की भी टीम है। आज़ाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने श्याम रंगीला को समर्थन देने की घोषणा की है। ठाकुर ने सोशल मीडिया के माध्यम से रंगीला को समर्थन देने का आधिकारिक ऐलान किया। 

राष्ट्रीय अध्यक्ष अभिताभ ठाकुर के अनुसार ने आज़ाद अधिकार सेना ने वाराणसी लोकसभा सीट से एक प्रत्याशी ‘मैं ज़िंदा हूं’ का चयन किया था। लेकिन उन्हें प्रशासन के इशारे पर अवैध हिरासत में रखा गया, जिससे वे नामांकन दाखिल नहीं कर सके। अतः इन स्थितियों में हमारी पार्टी ने लोकतंत्र की रक्षा के लिए श्याम रंगीला को वाराणसी में अपना समर्थन देने का निर्णय लिया है।

आज़ाद अधिकार सेना ने उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान, छत्तीसगढ़, गुजरात, दिल्ली, पंजाब और हरियाणा में अपनी टीमें बना रखी हैं। इस पार्टी से समर्थन मिलने पर श्याम रंगीला ने आभार जताया है। रंगीला ने सोशल मीडिया पर दी प्रतिक्रिया में कहा, समर्थन के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद। मैं आप सबकी आवाज़ बनके खड़ा रहूंगा।

नामांकन भरने के बाद दी अपनी प्रतिक्रिया में श्याम रंगीला ने कहा, देर से ही सही, लेकिन नामांकन हो गया। सभी दस्तावेज और प्रक्रिया के साथ अन्य आ रही बाधाओं को पार करके हम अब वाराणसी के लोगों का ऑप्शन बनने की दहलीज पर हैं। अभी बस दो-तीन दिन का और इंतज़ार, चिन्ह आ जाए। लड़ेंगे पूरे दम से, आप सबके सहयोग से। 

श्‍याम रंगीला उर्फ श्‍याम सुंदर का जन्‍म 25 अगस्‍त 1994 को राजस्‍थान के हनुमानगढ़ जिले की पीलीबंगा तहसील के गांव मानकथेरी में हुआ। उनके पिता जवाहर लाल एक किसान हैं। खेती के साथ कई परेशानियों के कारण उन्होंने 2013 में ये गांव को छोड़ दिया और एक नए गांव में शिफ्ट हो गए। श्याम रंगीला का परिवार अभी राजस्थान में श्रीगंगानगर जिले के रायसिंहनगर शहर के मोकामावाला गांव में रहता है।

श्याम रंगीला ने सूरतगढ़ से 12वीं की पढ़ाई की। फिर 2012-15तक जयपुर में एनीमेशन कोर्स किया। श्याम का बचपन से ही कॉमेडियन बनने का सपना था। स्‍कूल-कॉलेज के दिनों से कॉमेडी किया करते थे, मगर श्‍याम रंगीला को देशभर में कॉमेडियन की पहचान तब मिली जब ‘द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज’ में रंगीला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की मिमिक्री की

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