Saturday, October 12, 2024

सचिन पायलट जब 2 साल का था तब से जानता हूँ मुझे दो-तीन सीटों पर उम्मीदवारों ने जानबूझकर नहीं बुलाया, सोचा जीता हुआ चुनाव हार जाएंगे-अशोक गहलोत

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पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने सचिन पायलट से अनबन से इनकार किया है। उन्होंने कहा- सचिन पायलट के प्रति मेरा व्यक्तिगत रूप से बहुत स्नेह है। मैं और राजेश पायलट जी साथ एमपी बने थे। ये दो साल का था, तब से परिवार में हमारा परिचय है। कोई दुश्मनी होती है क्या, वह तो अलग-अलग अप्रोच होती है। अब अप्रोच में किसने क्या कदम उठाए, उसमें मैं जाना नहीं चाहता।

अमेठी में चुनाव प्रचार के दौरान एक इंटरव्यू में गहलोत ने कहा- सचिन पायलट को लेकर बार-बार मुद्दे उठते रहते हैं। लोगों को गलतफहमी है। मुझे बताइए, अगर वह कहीं कैंपेन में जाते हैं, मुझे क्या दिक्कत है। मैं कहीं जाता हूं तो उनको क्या दिक्कत है? मैंने अमेठी से हमारे उम्मीदवार किशोरी लाल शर्मा को हाल ही में कहा था कि यह जो पर्सेप्शन बना दिया गया कि मेरी उनसे बनती नहीं है, यह गलत है। हमें चुनाव जीतना है। आपको सूट करता हो तो आप पायलट को प्रचार के लिए बुलाएं।

दो-तीन सीटों पर उम्मीदवार ने मुझे जानबूझकर नहीं बुलाया
पायलट को अमेठी में प्रचार के लिए बुलाने के सवाल पर गहलोत ने कहा- कौन मना कर रहा है? हर उम्मीदवार तय करता है कि मेरे यहां प्रचार के लिए कौन आना चाहिए और कौन नहीं। राजस्थान में मुझे दो-तीन जगह नहीं बुलाया गया। ये आएंगे तो कास्ट इक्वेशन बिगड़ जाएगी। उम्मीदवार ने सोचा- क्षेत्र में जीता हुआ चुनाव हार जाऊंगा। जानबूझकर मुझे नहीं बुलाया।

एक-दो केस ऐसे भी हुए, जब मेरा प्रोग्राम बन गया। बाद में उन्होंने मना कर दिया। मैंने माइंड नहीं किया क्योंकि हमें चुनाव जीतना है। अब मैं वहां जाऊं और उनको मेरे जाने से नुकसान हो रहा हो तो ​फिर क्या मतलब?

चाहे पायलट का उम्मीदवार हो या कोई और नेता, वो जीतना चाहिए
गहलोत ने कहा- हमने जिंदगी बिता दी, 50 साल से राजनीति कर रहा हूं। ये बातें मेरे लिए मायने नहीं रखती हैं। आगे वाले के लिए रखती होंगी। उनको लगती होंगी और किसी को लगती होंगी। मुझे मतलब नहीं है। कांग्रेस का हो, सचिन पायलट का उम्मीदवार हो या किसी और का हो। मेरे ब्लड में है कि वो जीतना चाहिए।

पायलट को वो बयान नहीं देना चाहिए था
जालोर में प्रचार के लिए पायलट को नहीं बुलाने के सवाल पर गहलोत ने कहा- वो वहां नहीं गए तो उनकी गलती है। वह अलग बात है, उनको बयान नहीं देना चाहिए था। कई ऐसे लोग हैं, जिन्होंने मुझे बुलाया नहीं। अब मैं चुनाव से दो दिन पहले बयान दूंगा तो नुकसान होगा। हमारे जयपुर ग्रामीण से अनिल चोपड़ा उम्मीदवार हैं, नौजवान हैं। मैं तो कभी उनसे मिला नहीं। हमारी पार्टी में डेमोक्रेसी है। टिकट देती है और हम उसे जितवाते हैं।

गहलोत ने कहा- जयपुर ग्रामीण से कांग्रेस उम्मीदवार अनिल चोपड़ा की मेरे स्टाफ से बात हुई, वो मेरी सभा करवाना चाहते थे। उन्होंने फिर आगे सूचना नहीं दी, मुझे नहीं बुलाया। उन्होंने फिर से सोचा होगा कि मैं आऊंगा तो उनका नुकसान हो जाएगा। जातिगत समीकरण से मेरे जाने से उन्हें नुकसान हो रहा होगा। अब मैं गुस्से में वोटिंग से दो दिन पहले स्टेटमेंट दूं कि अनिल चोपड़ा ने मुझे बुलाया नहीं। मैं जाना चाहता था। जातियों का समीकरण बिगड़ता। वहां पर जाति विशेष उसके खिलाफ होती। हमारे आदमी को बुलाया क्यों नहीं, हमारे आदमी की बेइज्जती कर दी। यह सोचते बनता। कभी ऐसा स्टेटमेंट नहीं देना चाहिए तो मैंने कहा कि बेवकूफी वाला स्टेटमेंट होता है।

ईमानदारी है तो वोटिंग पूरी होने तक ऐसे बयानों से बचकर चलें
सचिन पायलट के बयान की वजह से जालोर-सिरोही सीट पर नुकसान के सवाल पर गहलोत ने कहा- उस पर अभी कमेंट नहीं करूंगा, लेकिन एक जून तक लोकसभा चुनाव के तीन फेज बाकी हैं। कांग्रेस का कोई भी नेता हो, अगर उसमें ईमानदारी है तो ऐसे बयानों से बचकर चलना चाहिए। किसी बयान से मान लीजिए ओडिशा, बंगाल, बि​हार या दूसरे राज्य में भी नुकसान हो सकता है। उन राज्यों में भी लगे कि इनमें झगड़ा चलता रहे तो नुकसान किसका होता है? नुकसान पार्टी को होता है। इसलिए चुनाव की वोटिंग पूरी होने तक सबको बचकर चलना चाहिए, मैं बचकर चल रहा हूं।

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