Home राजनीति सचिवालय की आग, लगी नहीं लगाई गई,टेलीफोन टेप प्रकरण में फंसे सीएम के ओएसडी पर आएगी इस आग की आंच :— लक्ष्मीकांत भारद्वाज

सचिवालय की आग, लगी नहीं लगाई गई,टेलीफोन टेप प्रकरण में फंसे सीएम के ओएसडी पर आएगी इस आग की आंच :— लक्ष्मीकांत भारद्वाज

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जयपुर। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता लक्ष्मीकांत भारद्वाज ने कहा कि राजस्थान की कार्यपालिका की ह्दय स्थली कहे जाने वाले सचिवालय की चौथी मंजिल पर लाइब्रेरी भवन में लगी आग कोई आकस्मिक घटना नहीं है बल्कि यह कांग्रेस सरकार के काले कारनामे छिपाने के लिए की गई साजिश का हिस्सा है। जहां आग लगी है वहां सीएम के ओएसडी लोकेश शर्मा का भी कमरा है और यहीं से राज्य सरकार के सोशल मीडिया का काम होता है। वहीं लोकेश शर्मा टेलीफोन टेप प्रकरण में मुकदमे में फंसे हुए है। ऐसे में उनके कार्यालय में आग की पलटे लोकेश शर्मा तक पहुंचती दिखाई दे रही है। इस पूरे मामले को लेकर भाजपा चुनाव आयोग को भी शिकायत दर्ज करवाएगी।

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता लक्ष्मीकांत भारद्वाज ने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस सरकार की खराब छवि को सुधारने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने करोड़ों रुपए का ठेका एक निजी कंपनी को दिया था। चुंकि अब राजस्थान में सरकार बदलने वाली है, इससे पहले भ्रष्टाचार के सबूत मिटाने के लिए यह आग लगाई गई है। लाइब्रेरी भवन में लगी आग बडी साजिश की ओर इशारा कर रही है। जब अतिसुरक्षित भवन की चौथी मंजिल पर जहां पूरी सुरक्षा में गोपनीय कार्य किए जाते थे वहां पर ऐन चुनावों से पहले इस प्रकार आग की घटना कोई सामान्य घटना नहीं है।
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता लक्ष्मीकांत भारद्वाज ने कहा कि इतना ही नहीं, आग भी इतनी तेज लगी कि इसके कारण कमरे का पूरा सामान जलकर राख हो गया। आग उस स्थान पर लगी, जहां राज्य सरकार के टवीटर हैंडल का काम होता था। ऐसे में साफ जाहिर है कि यह आग लगी नहीं है, बल्कि लगाई गई है। हालात यह रहे कि सुबह 5 बजे लगी आग की जानकारी सुबह 8 बजे मिली है। बंद कार्यालय से धुआं आने पर सचिवालय सिक्योरिटी स्टाफ ने अपने स्तर पर तत्काल आग पर काबू पाया। आग की चपेट में आने से कई डिवाइस और सॉफ्टवेयर भी जल कर राख हो गए। इन डिवाइस और कम्प्यूटर में राज्य सरकार और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कई राज भी छिपे थे।
इसमें सबसे हैरानी की बात यह है कि सचिवालय के चौथी मंजिल पर आग लगने के बाद लाखों रुपए की सरकारी संपत्ति जल कर राख हो गई लेकिन सचिवालय की ओर से आग को कंट्रोल करने के लिए दमकल को नहीं बुलाया गया। ना ही बनीपार्क और ना ही 22 गोदाम स्थित फायर स्टेशन को इस की जानकारी दी गई। इस प्रकार की कार्रवाई कई सवाल खडे कर रही है और इस प्रकार भ्रष्टाचार और साजिशें के सबूतों को नष्ट करने पर भाजपा चुप नहीं बैठेगी। राज्य सरकार और उनके नुमाइंदे अपने पांच वर्ष के शासन के दौरान किए गए भ्रष्टाचार और काले कारनामों पर भले ही आग लगाकर छिपाने का कार्य करे लेकिन राजस्थान की जनता सरकार की साजिश को समझ गई है और आने वाले मतदान के दिन भाजपा को मत देकर इस साजिशों और आग लगाने वाली सरकार की विदाई का रास्ता खोल देगी।

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