राजस्थान में शासन सचिवालय वो स्थान हैं जहां से पूरे प्रदेश को शाशित किया जाता हैं या यू समझे कि जहां से पूरे राजस्थान सरकारी कामकाजों को किया जाता हैं। लेकिन शासन की जड़े अगर कमजोर हो जाये तो गिरते टाइम नहीं लगता। जिस सचिवालय से पूरे प्रदेश के सरकारी नियमों / विभागों को सम्भाला जाता हैं उसी सचिवालय को कोई नहीं सम्भालता तो बात चिंता की हैं। मुख्यमंत्री जहां बैठकर प्रदेश की बागडोर को सम्भाल रहे हैं , प्रदेश की अफ़सरशाही बैठी हुई हैं ,लेकिन जिस जगह बैठे हुए हैं उसी जगह को सम्भालने का समय किसी के पास नहीं।
सचिवालय के भूमिगत पार्किंग की हालत राम भरोसे हैं या यू कह दे की सिर्फ़ बाँस भरोसे ही हैं । यहाँ के पिल्लर जर्जर हो चुके हैं जो किसी भी समय किसी बड़ी दुर्घटना को दिखा सकती हैं। यहाँ के पिल्लरों को बाँस के सपोर्ट से बांधा गया हैं जिससे पिल्लरों को सहारा मिल सके।

सचिवालय की पार्किंग में रोज़ाना सैकड़ों गाड़िया पार्किंग की जाती हैं। इसमें ज़्यादातर यहाँ काम करने वाले कर्मचारी और अधिकारियों की गाड़ी खड़ी होती हैं। लेकिन ये कब गिर जाये इसके किसी को पता नहीं। यहाँ के जर्जर पिल्लर अपनी हालात ख़ुद बया कर रहे हैं ।
सचिवालय में भूमिगत पार्किंग की हालत देखने और इसे दुरुस्त करने के लिए विभाग किस बात का इंतज़ार कर रहा हैं और क्यों इसे ठीक नहीं कर रहा हैं। ये अपने आप में बड़ा सवाल हैं। आपको बता दें सचिवालय में भूमिगत पार्किंग 2 मंज़िल हैं जहां पार्किंग की दशा अच्छी नहीं कही जा सकती हैं। किसी भी समय कोई दुर्घटना हो सकती हैं । सचिवालय के बेसमेंट की पार्किंग अब ज़्यादा वज़न सहन नहीं कर पा रही हैं जिससे बेसमेंट में बने पिल्लरों में दरार आ चुकी हैं। अब जब इन पिल्लरों में दरार आ चुकी हैं तो ये कभी भीं गिर सकते हैं और इसके गिरने के साथ ही भारी नुक़सान हो जायेगा।