कांग्रेस विधायक मुकेश भाकर को विधानसभा के बजट सत्र की शेष कार्यवाही से निलंबित कर दिया है। कांग्रेस विधायक मुकेश भाकर पर सोमवार को सदन में हंगामे के दौरान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी की तरफ गलत इशारे करके दुर्व्यवहार करने का आरोप है।
विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी द्वारासरकारी मुख्य सचेतकजोगेश्वर गर्गके प्रस्ताव लाने के बाद भाकर को बाहर निकालने के निर्देश के बाद सदन में हंगामा की स्थिति बन गई। स्थिति बिगड़े की विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी नेसदन की कार्रवाईस्थगित कर दी।इसके बाद विधानसभाकी कार्रवाई सभापति संदीप शर्माकी मौजूदगी में शुरू हुई।सभापति संदीप शर्मा नेसदन की कार्रवाई शुरू होने के बाद भाकर को सदन से बाहर जाने के निर्देश दिए । कांग्रेस विधायक मुकेश भाकर बाहर नहीं गए बल्कि कांग्रेस महिला और अन्य विधायकों ने उन्हें घेर कर बीच में बैठा लिया। इसके बाद मार्शल के साथ विधानसभा के सुरक्षा प्रहरियों और कांग्रेस विधायकों के बीच धक्का-मुक्की-हाथापाई हो गई। कांग्रेस विधायक हरिमोहन शर्मा जमीन पर गिर गए। विधायक अनिता जाटव की चूड़ियां टूट गईं। सदन में बिगड़ते हालात को देखते हुए सदन की कार्रवाई मंगलवार सुबह 11 बजे तक स्थगित कर दी गई। इसके विरोध में विपक्ष के विधायक सदन में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए।
उल्लेखनीय है कि विधानसभा में हंगामा क्यों हुआविधानसभा में सोमवार को लंच ब्रेक के बाद जमकर हंगामा हुआ था। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी के बीच नोकझोंक हो गई थी। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि 1 जुलाई से भारतीय न्याय संहिता लागू हो चुकी है, लेकिन सरकार ने 12 से ज्यादा सरकारी अधिवक्ताओं की नियुक्ति सीआरपीसी के तहत कर दी है। ये संविधान का उल्लंघन है। इस पर सदन में चर्चा हो। यही नहींविधि और संसदीय कार्य मंत्री के बेटे को भी एएजी बना दिया है।
विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने इस मुद्दे पर नेता प्रतिपक्ष को आगे अनुमति देने से इनकार कर दिया।विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा कि पहले लिखित में दीजिए, आप कौनसे नियम के तहत इस पर चर्चा कराना चाहते हैं। इस मामले को लेकर प्रतिपक्ष नेताऔरविधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई। इसके बाद नाराज कांग्रेस विधायकों ने वेल में आकर नारेबाजी शुरू कर दी। विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा किनियमों में आइए, मंगलवार को व्यवस्था दूंगा। कांग्रेस विधायकों के हंगामे के बीच ही ध्यानाकर्षण प्रस्तावों पर मंत्रियों ने जवाब दिए। इसी दौरान कांग्रेस विधायक मुकेश भाकर ने विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी की ओर इशारा किया। जिसके बाद हंगामा बढ़ गया।
इससे पहले सरकारी मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने भाकर के निलंबन का प्रस्ताव पेश किया, जिसे पारित करवा दिया। प्रस्ताव पारित होते ही विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने मार्शल को मुकेश भाकर को सदन से निकालने का आदेश दिया।
इसके बाद सदन की कार्यवाही को आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी। साढ़े 3 बजे कार्यवाही आधे घंटे के लिए फिर स्थगित कर दी गई थी। कांग्रेस विधायक मुकेश भाकर पर हंगामे के दौरान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी का अपमान करने का आरोप है। इस पर विधानसभा अध्यक्षवासुदेव देवनानी ने ही सबसे पहले सवाल उठाते हुए प्रस्ताव लाने को कहा था। विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा कि सदन चले या न चले, लेकिन इस तरह का बर्ताव बर्दाश्त नहीं होगा।
विधानसभा स्थगित हो जाने के बादभी कांग्रेस के विधायकधरने परअनिश्चितकाल के लिए बैठ गए।विधानसभा में विधायकों ने रामधुनी शुरू करअपना विरोध प्रकट किया। संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने कांग्रेस विधायकों को मनाने की कोशिश की लेकिन बात नहीं बनी। विधानसभा मेंअनिश्चितकालीन धरना जारी रहा और विधायकों नेरात्रि का खाना वही खाया और बिस्तर लगाकर सदन में ही रात बिताने का फैसला कर लिया है।