Saturday, October 19, 2024

साइबर ठगों के विरुद्ध पुलिस का दो दिवसीय अभियान :28 एफआईआर दर्ज, 240 अपराधियों को किया गिरफ्तार, 152 मोबाईल, 104 एटीएम कार्ड, 89 सिम कार्ड, 10 चैकबुक, 40 बैंक पासबुक, 1 मोटरसाईकिल, 6 लैपटॉप, 01 कार व 4.85 लाख रुपये जब्त

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गत दिनों साइबर क्राईम के गढ़ जामताडा के साथ-साथ मेवात क्षेत्र में होने तथा साइबर अपराधियों की दिनों-दिन बढती हुई गतिविधियों को मद्देनजर महानिदेशक पुलिस यू आर साहू के निर्देशानुसार साइबर अपराध शाखा व महानिरीक्षक पुलिस रेंज एवं जिला पुलिस द्वारा आपस में समन्वय स्थापित कर राज्य स्तर पर दबिश की कार्यवाही की गई। 

महानिदेशक साइबर क्राईम डॉ. रविप्रकाश मेहरडा ने बताया की पुलिस अधीक्षक, साइबर क्राईम श्री सुधीर चौधरी के निर्देशन में 14C नई दिल्ली से प्राप्त डेटा का विशलेषण कर टीम द्वारा दो माह तक सार्थक प्रयास कर विशेष कार्ययोजना बनाकर कार्य किया गया। गत दिनो आयोजित पुलिस महानिदेशक – महानिरीक्षक क्रोन्फ्रेंस और साईबर हेथकोन 1.0 में विचारित किये गये बिन्दुओं के अनुपालना में कार्यवाही की गई ।

डीजी डॉ मेहरड़ा ने बताया कि इस कार्यवाही के दौरान राजस्थान पुलिस द्वारा सभी जिला पुलिस अधीक्षको द्वारा आपस में समन्वय बनाकर दबिश दी गई। जिसमें कुल करीब 475 संदिग्ध साइबर अपराधियों को दस्तयाब किया गया। इनसे पुलिस की विभिन्न साइबर क्राईम टीमों द्वारा पूछताछ की जा रही है। 

साईबर अपराधियों के विरुद्ध राज्य में कुल 28 एफआईआर दर्ज कर 240 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया । (105 अपराधियों को प्रकरणों में गिरफ्तार किया गया व 134 अपराधियों को निवारक कार्यवाही करते हुए गिरफ्तार किया गया) अपराधियों से 152 मोबाईल, 104 एटीएम कार्ड, 89 सिम कार्ड, 10 चैकबुक, 40 बैंक पासबुक, 01 मोटरसाईकिल, 06 लैपटॉप, 01 कार, व 4,85,000/- रुपये जब्त किये गये ।

 इसके अतिरिक्त राज्य में साईबर अपराधियों के विरुद्ध निम्न कार्यवाही की गईः- 

● उदयपुर – फर्जी एस्कॉर्ट के अवैध धंधे में संलिप्त व्यक्तियों के 17 फोन, 19 एटीएम (उत्तरप्रदेश, पश्चिम बंगाल से संबंधित सिम की बिक्री एवं खातो की जांच की जा रही है)

●  डूंगरपुर – फर्जी एस्कॉर्ट सर्विस मामले में गिरफ्तारी की गई है जिन्हें बैंगलौर पुलिस को सुपुर्द किया जाएगा) जिनके विरुद्ध गुजरात में भी कई प्रकरण दर्ज है ।

●  अजमेर और जोधपुर में फर्जी कॉल सेंटर में शामिल लोगों का भंडाफोड़ (खुलासा) किया गया ।

●  जिला अलवर में छापेमारी कर दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु से संबंध रखने वाले साईबर ठगो के विरुद्ध 5 प्रकरण (एफआईआर) दर्ज किये गये ।

●   डीग में छापेमारी कर उत्तरप्रदेश से साईबर ठगो से संबंध रखने वाले 29 लोगो को गिरफ्तार कर 9 एफआईआर पंजीबद्ध कर 49 मोबाईल फोन, 35 सीम कार्ड, 31 एटीएम कार्ड, 7 चैकबुक, 10 बैंक पासबुक, 1 हुंडई कार व 4.85 लाख रुपये नकद जब्त किये गये ।

●  जिला दौसा में छापेमारी कर 3 एफआईआर पंजीबद्ध कर 24 साईबर ठगों को गिरफ्तार किया गया ।

●  जयपुर दक्षिण- करोडो रुपये की ऑनलाईन ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफास 13 युवतियां व 07 युवक गिरफ्तार एवं 48 कम्प्युटर मोबाईल फोन सिम कार्ड वीजा कार्ड बैंक पासबक एटीएम कार्ड लैपटॉप बरामद।

●  जोधपुर पश्चिम में फर्जी कॉल सेन्टर में शामिल लोगो का भंडाफोड किया जाकर 1 पुरुष व 8 महिलाओं को गिरफ्तार किया गया। जिनके कब्जे से 26 सिम कार्ड 60 कम्पनी के फर्जी कार्ड भारी मात्रा में वाहनों का रिकॉर्ड जब्त किया गया ।

●  इंस्टाग्राम पर फर्जी ज्योतिषियों के मामलों की भी जांच की जा रही है

●  देश भर से प्राप्त 9 शिकायतो में फैशन उत्पाद की एवज में भुगतान लेने एवं उत्पाद वितरित नहीं करने वाले घोटालेबाजो को गिरफ्तार किया गया ।

●  ई मित्र संचालको के AePS घोटालो में संलिप्त होने के संबंध में खुलासा किया गया जिसमें कई शिकायतो में ई मित्र संचालको की भूमिका संदिग्ध पाई गई ।

●  लडकी के प्राइवेट फोटो के लिए लड़की को ब्लैकमेल करने का मामला प्रमाणित पाये गये जिन पर कार्यवाही जारी है।

●  राजस्थान पुलिस द्वारा साइबर अपराधों में लिप्स पाये जाने पर अब तक कुल मोबाईल सिम 2,04,760 व आईएमईआई 2,16,627 ब्लॉक करवाये गये है तथा साइबर अपराधीयों के बैंक खाते फ्रीज करवाकर कुल 63,21,40,640 रकम होल्ड करवाई गई। जिसमें से 26,01,488 राशि पुनः पीडितो के बैंक खातों में जमा करवायी गयी।

 डॉ. रवि प्रकाश मेहरडा ने बताया की संदिग्धों की जाँच में अन्य राज्यों की साइबर शाखा से समन्वय स्थापित कर, यहां पकडे गये अपराधी, वांछित होने पर उन राज्यों को प्रोडक्शन वारन्ट पर सुपुर्द किये जायेगे तथा अन्य राज्यों में पकडे गये साइबर अपराधी राजस्थान में वांछित होने पर प्रोडक्शन वारन्ट पर लिये जायेगे।

अतिरिक्त महानिदेशक क्राईम दिनेश एम एन ने बताया कि साइबर ठगों के विरुद्ध जिलों में अविलम्ब एफआईआर दर्ज की जाकर क्राईम ब्रांच द्वारा इन प्रकरणों का निकटत्तम सुपरविजिन किया जाऐगा। साईबर अपराधियों के डोजियर खोलकर सख्त निगरानी की जायेगी। जाँच के दौरान संगठित गिरोह द्वारा अपराध का खुलासा होने पर सूचना एसओजी को दी जावेगी। राज्य में संचालित सिम बिक्री करने वाले (POS) द्वारा फर्जी तरीके से सिम विक्रय करने पर उनके विरुद्ध कानूनी कार्यवाही अमल में लाई जायेगी। 

साइबर अपराध में बैंक कर्मियों की संलिप्तता पाये जाने पर ऐसे बैंक कर्मियों के विरुद्ध भी सख्त कानूनी कार्यवाही की जायेगी। संदिग्ध बैंक खातों एवं बैक कर्मचारीयों की मिलीभगत उजागर करने के लिए बैक के उच्च अधिकारीयों से मीटिंग कर समन्वय स्थापित किया गया है।

डॉ. रवि प्रकाश मेहरडा ने बताया कि साईबर ठगो की प्रमुख कार्यप्रणाली में टेलीग्राम जॉब धोखाधड़ी, टेलीग्राम कार्य आधारित प्रोत्साहन, फर्जी एस्कॉर्ट सेवा, सेक्सटॉर्शन, बाजार स्थानों पर चीजें बेचना, क्रिप्टोकरंसी आधारित मनी ट्रेडिंग, ग्राहक सेवा, सस्ते सामान के लिए नकली विज्ञापन, चीनी ऋण ऐप्स, ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म आदि शामिल हैं, मुख्य रुप से उपयोग में लिए जा रहे है इसलिए तुरंत पैसे या सस्ते डिस्काउंट का लालच न करें।

पुलिस टीम 1. समस्त जिला पुलिस अधीक्षक 2. करण शर्मा पुलिस अधीक्षक सीआईडी 3. सुमित मेहरडा आईपीएस 4. अनिल राव अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक साईबर क्राईम 5. गजेन्द्र शर्मा पुलिस निरीक्षक साईबर क्राईम 6 प्रदीप कुमार कानि० 276 साईबर क्राईम ओपरेशन व्रज प्रहार 1.0 के तहत राज्य में कार्यवाही निरन्तर जारी हैं।

राज्य में साइबर अपराधियों के विरुद्ध अधिक प्रभावी कार्यवाही हेतु साईबर क्राईम ब्रांच में विभिन्न एजेन्सियों में समन्वय हेतु विशेष कोर्डिनेशन की व्यवस्था की गई, जो विभिन्न एजेन्सियों को 24×7 डाटा का आदान-प्रदान करने का कार्य करेंगी ।

महानिदेशक साइबर क्राईम डॉ. रविप्रकाश मेहरडा ने आमजन से अपील की है कि साइबर ठगो से सतर्क रहे तथा साइबर अपराध घटित होने पर हेल्पलाईन नम्बर 1930 एवं साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज अवश्य करावें।

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