कभी कभी राजस्थान के मुख्यमंत्री फिल्मी हो जाते हैं ओर इसी फिल्मी अंदाज में वे मीडिया से रूबरू भी हो जाते है। एक हिंदी फिल्म के एक फेमस डायलॉग के जैसे ही हैं सीएम अशोक गहलोत ने भी अपनी बात कह दी। उन्होने फिल्मी अंदाज में ही बोलते हुए कहा कि मैं पद छोडऩा चाहता हूं, पर ये पद मुझे नहीं छोड़ रहा। इस बयान के बाद सीएम अशोक गहलोत को उस फिल्मी अंदाज से जोड़कर इनका भाव समझा भी जा रहा है और बातों ही बातों में समझाया भी जा रहा है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री का पद छोड़ना चाहता हूं, लेकिन यह पद मुझे नहीं छोड़ रहा है। उन्होंने इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर भी भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि यदि कोई भाजपा के अलावा किसी पार्टी को पैसा देता है तो ईडी, इनकम टैक्स का डर रहता है। धर्म के नाम पर राजनीति करने की बात पर उन्होंने भाजपा की हिटलर से तुलना की। गहलोत पॉलिटेक्निक कॉलेज में बने मारवाड़ इंटरनेशनल सेंटर का लोकार्पण करने पहुंचे थे।
सीएम गहलोत ने एक किस्सा सुनाते हुए कहा- एक कार्यक्रम के दौरान महिला मिली, उसने बताया कि हार्ट का ऑपरेशन हुआ है, एक रुपया खर्च नहीं हुआ। वह आशीर्वाद देने लगी। मैंने मजाक में कहा कि मैं अब इस पद को छोड़ना चाहता हूं, लेकिन ये पद मुझे नहीं छोड़ रहा है।
सीएम ने कहा- जिंदगी में मुझे सब कुछ मिला, 50 साल राजनीति करते हुए हो गए। हाईकमान का मुझ पर विश्वास है। तीन बार केन्द्रीय मंत्री, पीसीसी अध्यक्ष, 3 बार मुख्यमंत्री बन गया, अब क्या चाहिए बताओ?
इस पर ऑडिटोरियम में नारेबाजी होने लगी। फिर सीएम ने कहा- कोरोना काल में हमने बहुत अच्छा काम किया, भीलवाड़ा माॅडल की सब जगह तारीफ़ हो रही है।
सीएम ने इलेक्टोरल बॉन्ड के मुद्दे पर भाजपा पर आराेप लगाते हुए कहा कि वे गैर कानूनी काम कर रहे हैं। एक तरफा बॉन्ड बीजेपी के पास जा रहे हैं। कांग्रेस को कोई देगा तो ईडी, इनकम टैक्स पीछे पड़ जाती है। इसलिए किसी दूसरी पार्टी को पैसा नहीं मिल रहा है।
सीएम ने आगे कहा- भाजपा हमेशा धर्म के नाम पर राजनीति करती है। हिटलर भी ऐसे ही धर्म के नाम पर संबोधित करता था, क्या हुआ उसका। भारत की जनता की अक्ल और होशियारी दुनिया की सभी देशों की तुलना में अच्छी है। वाजपेयी जी के समय इंडिया शाइनिंग इंडिया की ब्रांडिंग बीजेपी कर रही थी, सोनिया गांधी कैम्पेन करने निकलीं तो देश की जनता ने कांग्रेस की सरकार बना दी।