Monday, December 23, 2024

सुप्रीम कोर्ट ने कहा मीडिया चैनल के खिलाफ कार्रवाई करना अभिव्यक्ति की आजादी को कुचलना! कहा चैनल देखना आपकी निजी पसंद

Must read

सुप्रीम कोर्ट में न्यूज चैनल्स के खिलाफ अर्जी डालने वालों को झटका लगा है. कोर्ट ने जनहित याचिकाओं पर सुनवाई से ही इंकार कर दिया. कोर्ट ने उन जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करने से मना किया जिनमें उन पर निगरानी के लिए बोर्ड या ट्रिब्यूनल बनाने का आदेश देने की गुहार सुप्रीम कोर्ट से लगाई गई थी. ताकि दर्शकों या न्यूज चैनल्स के उपभोक्ताओं को शिकायत का निवारण किया जा सके.

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस अभय एस ओक और जस्टिस संजय करोल की पीठ ने सुनवाई से इनकार करते हुए कहा कि आपको चैनल्स पर दिखाई जा रही खबर और सामग्री पसंद नहीं है तो मत देखें! कौन आपको वह सब देखने पर मजबूर कर रहा है? आप वो चैनल्स न देखने के लिए आजाद हैं. कोई आपको मजबूर नहीं कर सकता.

पीठ ने कहा कि यह आदेश देते समय हमारे जेहन में न्यूज इंडस्ट्री को मिला अभिव्यक्ति का अधिकार भी है. पीठ ने याचिकाकर्ता वकील रीपक कंसल से सवाल किया कि अगर हम मीडिया ट्रायल पर रोक भी लगा दें तो इंटरनेट पर परोसी जा रही बेइंतहा सामग्री यानी कंटेंट को बाढ़ को कैसे रोका जा सकेगा? हम आपकी प्रार्थना को गंभीरता से लेकर कुछ करें भी तो किसे इसकी पड़ी है?

कंसल ने अपनी जनहित याचिका में न्यूज चैनल्स पर घटनाओं को सनसनीखेज बनाकर परोसने की प्रवृत्ति पर रोक लगाने और इस बाबत नियम बनाकर न्यूज चैनलों को चैनलाइज करने की जरूरत पर जोर दिया था.

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest article