Tuesday, October 15, 2024

सोते रहे बीजेपी नेता ओंकार सिंह लखावत, बोलते रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, ये नींद बड़ा आराम देने वाली हैं!

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एक तरफ़ जब प्रधानमंत्री विकसित भारत संकल्प लाभार्थियों से संवाद कर रहे थे तभी जयपुर के बीजेपी कार्यालय में ओंकार सिंह लखावत नींद ले रहे थे।

प्रधानमंत्री मोदी ने विकसित भारत संकल्प यात्रा के लाभार्थियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद किया लेकिन बीजेपी के नेताजी ने एक बढ़िया सी नींद ले डाली। कोई देखे नहीं इसलिए एक चिंतक की छवि बनाकर आराम से विकसित नींद के साथ संवाद का आनंद लिया। शायद बीजेपी नेताजी को इस कार्यक्रम में कोई ख़ास रुचि नहीं दिखी और बोरियत महसूस हुई तो नींद से ही संवाद कर लिया।
भाजपा प्रदेश कार्यालय में प्रदेश पदाधिकारियों सहित सैंकड़ो कार्यकर्ता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीसी के माध्यम से विकसित भारत संकल्प यात्रा लाभार्थी के साथ संवाद कार्यक्रम से जुड़े हुए थे।बीजेपी कार्यालय में भी बीजेपी नेता ,पदाधिकारी और कार्यकर्ता बीजेपी हॉल में बैठे संवाद कार्यक्रम से जुड़े हुए थे लेकिन शायद ओंकार सिंह लखावत को प्रधानमंत्री के इस कार्यक्रम में कोई रुचि नहीं रही या उन्हें ये कार्यक्रम बोरियत महसूस करवा रहा था तो नेताजी ने सोचा होगा की थोड़ी सी नींद का आनंद ले लिया जाये।

दरअसल आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देशभर के अलग-अलग राज्यों में विकसित भारत संकल्प यात्रा के लाभार्थियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सीधा संवाद किया। इस दौरान भाजपा प्रदेश कार्यालय में विकसित भारत संकल्प यात्रा संवाद कार्यक्रम को वीसी के माध्यम से भाजपा प्रदेश संगठन महामंत्री चंद्रशेखर, भाजपा चुनाव प्रबंधन समिति संयोजक नारायण पंचारिया, सह-संयोजक ओंकार सिंह लखावत, प्रदेश महामंत्री दामोदर अग्रवाल, प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेश दाधीच, पूर्व विधायक बीरू सिंह राठौड़ और महिला मोर्चा प्रदेशाध्यक्ष रक्षा भंडारी सहित सैंकडों की संख्या में मौजूद कार्यकर्ताओं ने सुना।

पीएम मोदी ने विकसित भारत संकल्प यात्रा से जुड़े विभिन्न संस्मरणों का हवाला देते हुए कहा कि विकसित भारत संकल्प यात्रा के दौरान हमें वोकल फॉर लोकल का संदेश गांव-गांव और गली-गली तक पहुंचाना है। भारत के युवाओं, किसानों का श्रम और भारत की मिट्टी की महक जिसमें हो, ऐसे सामान को खरीदें और उसका प्रचार-प्रसार करें। ऐसे में नेताजी ने झपकी के साथ सारा संवाद अपने अंदर ही कर डाला। इससे पहले भी ऐसा कई वाक़ये हुए हैं जब मंचों पर नेताओं ने नींद ली हैं,कई मीटिंगों में अधिकारी कर्मचारी और राजनीति करने वाले पोलिटिकल लीडर झपकी लेते हुए कई बार कई तस्वीरो में क़ैद हुए हैं,सामाजिक विकास जी बातें चल रही होती हैं और नेताजी पर नींद हावी हो जाती हैं। लेकिन सवाल ये उठता हैं कि क्या ये सारा कार्यक्रम किसी एक व्यक्ति की ही जिम्मेदारी हैं, जब ऐसे कार्यक्रम में नीरसता आ जाती हैं तो आख़िर क्यों किसी को ज़बरदस्ती बैठाया जाता हैं। सिर्फ़ संख्या बल दिखाने के लिए बैठकर इस तरह नींद लेना ज़्यादा ख़राब लगता हैं। नेताजी कार्यक्रमों के मंचों पर सिर्फ़ भाषण देने के लिए ही जागते हुए दिखते हैं। जब ख़ुद सुनने की बारी आती हैं, तो नींद आ जाती हैं। ऐसे में दूसरों से सजगता के साथ सुनने की आशा कैसे की जा सकती हैं। ख़ैर नेताजी अनुशासन समिति में भी बड़े दायित्व पर हैं,अगर ये किसी दूसरे के साथ होता तो बड़े बड़े भाषण के साथ बड़ी बड़ी नसीहतें दे देते और अगर कोई इनसे छोटा होता तो डाँट भी देते,लेकिन अब इन्हें कोई क्या कहे। कोई क्या ही कह पाएगा। बिना मतलब गर्म कढ़ाई में कौन हाथ डाले।

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