Sunday, October 13, 2024

हाईकोर्ट जज़ो के बंगलों के सामने बहुमंजिला निर्माण पर रोक: हाई कोर्ट ने लिया मामले में स्वप्रेरित प्रसंज्ञान, जज़ों की सुरक्षा को लेकर जताई चिंता

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हाईकोर्ट ने मास्टर प्लान से संबंधित याचिका पर दिए आदेश की पालना में जोन तय किए बिना बनाई जा रही बहुमंजिला इमारतों के निर्माण को रोक दिया। कोर्ट ने इन बहुमंजिला इमारतों को मंजूरी देने पर सवाल उठाते हुए निर्माण पर यथास्थिति बनाये रखने के निर्देश देते हुए सरकार से जवाब मांगा। साथ ही, ऐसे निर्माण से लोगों के पानी-बिजली व सूरज की रोशनी पर आए संकट और जयपुर स्थित गांधीनगर में न्यायाधीशों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है l

न्यायाधीश गणेश राम मीणा ने  ‘मास्टर प्लान के विपरीत निर्माण से दूसरों के बिजली-पानी और सूरज की रोशनी पर संकट होने के आधार पर बुधवार को स्वप्रेरणा से प्रसंज्ञान लिया।न्यायाधीश मीणा ने इसे जनहित याचिका के रूप में दर्ज करने का आदेश देकर मामला मुख्य न्यायाधीश के पास भेज दिया है lकोर्ट ने मास्टर प्लान को लेकर गुलाब कोठारी की याचिका पर दिए आदेश की पालना में जोन तय किए बिना बहुमंजिला इमारतों के निर्माण को मंजूरी देने पर नाराजगी जताई है l सरकार ने मास्टर प्लान मामले में हाईकोर्ट के आदेश की अनदेखी कर जोन तय किए बिना ही प्रदेश में 350 बहुमंजिला इमारतों को मंजूरी दे दी। कोर्ट ने इस पर सवाल उठाया कि डार्क जोन की समस्या और हरियाली व पर्यावरण के पहलू को ध्यान में रखे बिना ऐसी इमारतों को मंजूरी कैसे दी जा रही है। 

कोर्ट ने एम सी मेहता व अन्य के मामलों में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का हवाला देकर माना कि बिना जोन तय किए कंक्रीट के जंगल खड़े करने की मंजूरी देने से हरियाली और राष्ट्रीय पक्षी मोर जैसे पक्षियों को खतरा पैदा हो रहा है। कोर्ट ने जयपुर के गांधीनगर में बन रही बहुमंजिला इमारतों से न्यायाधीशों की सुरक्षा व निजता को पैदा हो रहे खतरे पर चिंता जताई और हाईकोर्ट प्रशासन से सुरक्षा के संबंध में रिपोर्ट तैयार करने को कहा।

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