Saturday, October 19, 2024

हाईकोर्ट ने 900 करोड़ के जल जीवन मिशन घोटाले पर सरकार को लगाई फटकार, शपथ पत्र क्यों नहीं किया पेश

Must read

हाईकोर्ट ने 900 करोड़ के जल जीवन मिशन घोटाले के मामले को लेकर सोमवार को सरकार को फटकार लगाई। उन्होंने शपथ पत्रनहीं पेश करनेकी बात भी कहीं और कहा किइस मामले में आप सरकार को शपथ पेश करने की बात कही। पांच जनवरी को जल जीवन मिशन के टेंडरों में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर लिए हजारों करोड़ रुपये के कार्यदेशों पर कार्यवाही के मामले में हाई कोर्ट ने सरकार से कार्यवाही की रिपोर्ट मांगी थी |

पब्लिक अगेंस्ट करप्शन संस्था की ओर  से दायर जनहित याचिका पर बहस करते हुए अधिवक्ता पूनम चंद भण्डारी और डॉ. टी एन शर्मा ने हाईकोर्ट को बताया कि श्री गणपती ट्यूबवेल और श्री श्याम कृपा ट्यूबवेल कम्पनी ने(भारत सरकार के उपक्रम) इरकॉन इंटरनेशनल लिमिटेड के फर्जी कम्पलेशन सर्टिफिकेट प्रस्तुत करके जल जीवन मिशन में करीब 900 करोड़ रुपये के टेन्डर प्राप्त कर लिए | इस बारे में इरकॉन इंटरनेशनल लिमिटेड ने जल जीवन मिशन के अतिरिक्त मुख्य अभियंता को दो बार पत्र लिखे कि फर्जी दस्तावेजों आधार पर कंपनियों ने 900 करोड रुपए प्राप्त कर लिए हैं मगर राज्य सरकार ने कोई कार्यवाही नहीं की| तब पब्लिक अगैन्स्ट करप्शन संस्था के आजीवन सदस्य एवं अधिवक्ता डॉ. टी एन शर्मा ने पुलिस कमिशनर और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के पुलिस महानिदेशक को बार बार लिखा मगर कोई कार्यवाही नहीं की गई | 

अधिवक्ता भंडारी ने बताया कि फर्जीवाडे का यह तो एक उदाहरण है इसी प्रकार के कई फर्जीवाड़े जयपुर नैशनल यूनिवर्सिटी, GA infra, मांगी लाल विश्नोई आदि फर्म ने भी किए है साथ ही कई ऐसी जगह भी है जहा पर बिना काम के ही भुगतान पहले ही कर दिया गया एवं शिकायत होने के बाद बाद में आनन फानन में कार्य किया गया है और कई जगह लोहे के पाइप की जगह प्लास्टिक के पाइप लगा दिए गए है | 

हाईकोर्ट ने प्रस्तुत किए गए समस्त दस्तावेजों का बारीकी से अध्ययन किया और राज्य सरकार की तरफ से उपस्थति अतिरिक्त महाधिवक्ता अनिल मेहता  से पूछा की आपने इन गंभीर शिकायतों पर क्या कार्यवाही है  साथ ही केंद्र सरकार की तरफ से उपस्थित अतिरिक्त सलिसिटर जनरल आर डी रस्तोगी से भी पूछा का आपने क्या कार्यवाही की | आर डी रस्तोगी ने कोर्ट को बताया कि यह एक बहुत बड़ा घोटाला है जिसमे के प्रमुख सचिव तक की संलिप्तता पता चली है एवं उक्त संदर्भित मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने कार्यवाही की है | 

सुनवाई के बाद हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनीन्द्र मोहन श्रीवास्तव और  न्यायाधीश श्रीमती शुभा मेहता की खंडपीठ ने केंद्र सरकार, राज्य सरकार और पुलिस कमिशनर एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के पुलिस महानिदेशक को आदेश दिया की दो सप्ताह में शपथ पत्र प्रस्तुत कर न्यायालय को बताएं कि ऐसे गंभीर मामले में क्या कार्यवाही की गई है।

लेकिन केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों की तरफ से शपथ पत्र पेश नहीं किए गए और न्यायालय से समय चाहा। गणपति ट्यूबवेल और श्री श्याम कृपा ट्यूबवेल कंपनी की ओर से अधिकताओं ने बहस करते हुए बताया कि उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हो चुकी है चालान भी पेश हो चुका है इसलिए यह जनहित याचिका चलने लायक नहीं है भंडारी का कहना था कि पदमचंद जैन और महेश मित्तल जो इन कंपनियों के मालिक है उनको किसी अन्य प्रकरण में रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया था वह मामले अलग है और यह मामले अलग है भंडारी ने कहा कि करीब 20 हजार करोड़ का घोटाला है खंडपीठ के न्यायाधीश पंकज भंडारी व भुवन गोयल ने आदेश दिया कि पदमचंद जैन और मित्तल को याचिका की नकल दी जाए और तीन सप्ताह में जवाब पेश करने के लिए कहा है और केंद्र सरकार व राज्य सरकार को भी आदेश दिया है कि 3 सप्ताह में न्यायालय में शपथ पत्र प्रस्तुत करें कि याचिका में जो मामला बताया गया है उसमें सरकार ने क्या कार्रवाई की है। प्रकरण को तीन सप्ताह बाद न्यायालय में सूचीबद्ध करने के आदेश दिए हैं।

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest article