एक अगस्त को लोकसभा में आरएलपी के सांसद हनुमान बेनीवाल ने जब रेलवे के कामकाज को लेकर प्रतिकूल टिप्पणी की तो रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को गुस्सा आ गया। अश्विनी वैष्णव आमतौर पर शांत स्वभाव वाले मंत्री माने जाते हैं। मोदी-2 में भी वैष्णव को कभी भी गुस्से में नहीं देखा गया। वैष्णव के सरल और मधुर व्यवहार की प्रशंसा रेलवे यूनियनों के प्रतिनिधि भी करते हैं, लेकिन एक अगस्त को रेलवे की अनुदान मांगों पर जब विपक्षी सांसदों ने प्रतिकूल टिप्पणियां की तो अश्विनी वैष्णव अपने विभाग के 12 लाख कार्मिकों के साथ खड़े हो गए। वैष्णव ने कहा कि रेल कर्मियों की वफादारी और मेहनत की वजह से ही आज करोड़ों लोग रेलों में सफर कर रहे हैं। यूपीए सरकार के समय हो रही रेल दुर्घटनाओं की संख्या को देखा जाए तो पिछले दस सालों में रेल दुर्घटना में बहुत कमी आई है। वैष्णव ने अपने कर्मियों के लिए लोकसभा की मेज थपथपाई और सांसदों से भी आग्रह किया मेज थपथपाई जाए ताकि रेल कर्मियों की हौसला अफजाई हो सके। रेल मंत्री ने कहा कि वह अपने कर्मियों के लिए प्रतिकूल टिप्पणियां बर्दाश्त नहीं करेंगे। कुछ रेल यूनियन भले ही रेलवे स्टेशनों पर रेल मंत्री के मुर्दाबाद के नारे लगाती हो, लेकिन अश्विनी वैष्णव ने संसद में तालियां बजवाकर यह प्रदर्शित कर दिया कि वह अपने 12 लाख कार्मिकों के साथ खड़े है। वैष्णव ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और विपक्ष के सांसद रेल यात्रियों के मन में डर पैदा कर रहे है। जबकि हमारे रेल कार्मिक रात और दिन मेहनत कर पूरी वफादारी के साथ ट्रेनों का सुरक्षित संचालन कर रहे है। रेल कर्मियों की मेहनत की वजह से ही 10 हजार नॉन एसी कोच बन रहे है। 50 अमृत भारत ट्रेन जल्द चलाई जाएगी। वैष्णव ने रेलवे में हो रहे विकास की विस्तृत जानकारी दी।