पाकिस्तान की हुकूमत ने POK पर कब्जा करके तो रख लिया है। वहां के लोगों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। अब पाकिस्तान के इसी सौतेले व्यवहार के बाद से पीओके पाकिस्तान के हाथ से जा सकता है। ऐसे में सवाल उठने लगे हैं की क्या पाकिस्तान के साथ 2024 में 1971 जैसा इतिहास दोहराया जाएगा। दरअसल, पीओके से जैसी तस्वीरें सामने आ रही है उससे कयास लगाए जा रहे हैं कि 53 साल पहले की कुछ यादों को ताजा कर रहे हैं। 1971 में तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान में पूरी सेना को सरेंडर करना पड़ा था। तब कपड़े भी उतारने पड़े थे। पाकिस्तान से टूटकर बांग्लादेश बना था।
अब पीओके में शहबाज की पुलिस को कपड़े उतारने पड़े हैं। वहां की जनता ने विद्रोह कर दिया है। पाकिस्तान सरकार के अत्याचार के खिलाफ पाकिस्तान की जनता सड़कों पर है। वहां अब शाहबाज सरकार की पुलिस को अपनी जान बचाने के लिए सड़कों पर भागना पड़ रहा है। लोग पुलिसवालों की पिटाई कर रहे हैं। उनके कपड़े भी उतरवा रहे हैं। पीओके में बगावत से पूरे पाकिस्तान में टेंशन है। हालात इतने बिगड़ गए कि राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी को आपात बैठक बुलानी पड़ी। प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने भी पीओके के हालात पर चिंता जताई है। पाकिस्तानी जनरल आसिम मुनीर ने तो पीओके में सेना ही भेज दी है।
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में पीओके की जनता तो पुलिस को भगा ही चुकी है। सेना के साथ भी ऐसा कुछ नजारा देखने को मिल सकता है। ऐसा लग रहा है मानो बरसों का अत्याचार सहने वाली पीओके की जनता अब अंतिम लड़ाई के मूड में आ गयी है। पाकिस्तान की हुकूमत पीओके के साथ जैसा दोयम दर्जे का व्यवहार करती आई है अब पीओके उसे बर्दास्त नहीं करने वाला।