निदेशालय महिला अधिकारिता महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा जयपुर के झालाना संस्थानिक क्षेत्र स्थित राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में सोमवार को राजस्थान मिशन- 2030 से संबंधित राज्य स्तरीय कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला में महत्वपूर्ण रूप से हितधारकों ने कई रचनात्मक सुझाव दिए।
महिला एवं बाल विकास शासन सचिव जितेंद्र कुमार उपाध्याय ने राज्यस्तरीय कार्यशाला में उपस्थित महिला संगठनों, स्वैच्छिक संगठनों के महिला एवं पुरुष प्रतिनिधियों, महिला उद्यमियों, यू एन संस्थाओं के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि जिस उत्साह से आप सब की ओर से जो सहभागिता की जा रही, निश्चित रूप से आपके महत्वपूर्ण सुझावों के आधार पर मिशन 2030 के तहत विकसित राजस्थान बनाने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग का एक बेहतरीन विजन डॉक्युमेंट तैयार करने में हम कामयाब होंगे।
आयुक्त महिला अधिकारिता रेनू जयपाल ने स्वागत उद्बोधन में विभागीय उपलब्धियों से अवगत कराते हुए सब हितधारकों से सकारात्मक सुझाव देने के लिए आवाहन किया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के विजन अनुसार राजस्थान को अग्रणी प्रदेश बनाने में हमारे विभाग का विजन डाक्यूमेंट तैयार करने हेतु रचनात्मक सुझाव अत्यधिक महत्वपूर्ण है।
प्रीति माथुर अतिरिक्त निदेशक महिला अधिकारिता ने प्रस्तुतीकरण में बताया कि महिला अधिकारिता विभाग द्वारा महिला सशक्तिकरण की दिशा में काम करने के लिए राजस्थान राज्य महिला नीति 2021 जारी की गई है। जिसमें लैंगिक समानता शिक्षा और प्रशिक्षण, आर्थिक विकास, सामाजिक विकास, महिलाओं और किशोरियों की सुरक्षा को संबोधित करने की दिशा में काम करने के लिए रन नीतियां बनाई गई हैं। यह नीति सतत विकास लक्ष्यों को 2030 तक प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
अतिरिक्त निदेशक ने राजस्थान राज्य की महिला नीति के आधार पर योजनाएं एवं सतत विकास लक्ष्यों पर प्रकाश डालते हुए इंदिरा महिला शक्ति उद्यम प्रोत्साहन योजना, इंदिरा महिला शक्ति कौशल संवर्धन व प्रशिक्षण योजना, शिक्षा सेतु योजना, आई एम शक्ति उड़ान योजना, मुख्यमंत्री वर्क फ्रॉम होम जॉब वर्क योजना, मुख्यमंत्री राजश्री योजना, मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह एवं अनुदान योजना, महिलाओं के संरक्षण हेतु योजनाएं जैसी वन स्टॉप सेंटर / सखी केंद्र, महिला हेल्पलाइन, महिला सुरक्षा एवं सलाह केंद्र, इसी प्रकार आर्थिक सशक्तिकरण के लिए अमृता हॉट आदि योजनाओं की जानकारी दी।
संयुक्त परियोजना निदेशक डॉ. मंजू यादव ने अपने प्रस्तुतिकरण में समेकित बाल विकास सेवाएं निदेशालय की ओर से चलाये जा रही योजनाओं और कार्यक्रमों पर विस्तार पूर्वक जानकारी दी।गर्भवती एवं धात्री माताओं का टीकाकरण और पोषाहार , आंगनबाडी केंद्रों पर आधारभूत सुविधाओं का विकास , इंदिरा गाँधी मातृत्व पोषण योजना, नन्द घर आदि के बारे में विस्तार से बताया। साथ ही उपस्थित हितधारकों से यह आग्रह किया गया कि वे सभी आईसीडीएस को 2030 में किस रूप मे देखना चाहते हैं इसके लिए विजन 2030 के लिए अपने सुझाव प्रेषित करें।
सहायक निदेशक महिला अधिकारिता सुनीता मीणा ने कार्यशाला का संचालन करते हुए जनकल्याण ऐप पर रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया का प्रदर्शन किया। राज्य स्तरीय कार्यशाला में राजस्थान मिशन 2030 के संबंध में वीडियो दिखाया गया। मिशन 2030 के संबंध में पीपीटी प्रस्तुत किया गया। इसके साथ ही विभागीय उपलब्धियों का वीडियो भी दिखाया गया।