300 करोड रुपए की जयपुर में जमीन के एकल पट्टा घोटाले में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में 21 नवंबर मंगलवार को एसएलपी क्रिमिनल 5074/2023 (डायरी नंबर 13185) पर सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस दीपंकर दत्ता ने मामले की सुनवाई की। राज्य सरकार द्वारा इस मामले में 2 सप्ताह का समय देने की मांग रखी। जिसे सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार नहीं किया और मामले की सुनवाई 21 नवंबर को करने को रखने के आदेश दिए।
ट्रायल कोर्ट एसीबी कोर्ट नंबर 4 जयपुर महानगर ने 18 अप्रैल 2022 को जांच एजेंसी एसीबी को आदेश दिया था कि इस घोटाले में मुख्यमंत्री कार्यालय की भी जांच की जाए, एसीबी के 2 आईपीएस अधिकारियों द्वारा गलत जांच करने के लिए उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए।
राजस्थान हाईकोर्ट ने परिवादी स्वर्गीय राम शरण सिंह के द्वारा इस घोटाले की जांच सीबीआई से करवाने की क्रिमिनल रिट को निस्तारित किया था, स्वर्गीय रामशरण सिंह के पुत्र सुरेंद्र सिंह के याचिका को वापस लेने के प्रार्थना पत्र को स्वीकार किया था। हाई कोर्ट जयपुर के इस आदेश के विरुद्ध भी सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी प्रस्तुत करने की बातें की जा रही है।
21 अगस्त 2023 को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई में कांग्रेस सरकार और आरोपियों के पक्ष में पैरवी करने के लिए स सुप्रीम कोर्ट के बड़े-बड़े अधिवक्ताओं की फौज उतारी गई थी, जिसमें मुकुल रोहतगी, मनिंदर सिंह आदि सम्मिलित रहे।
उल्लेखनीय है कि उस समय विधानसभा के चुनाव को देखते हुए चुनाव आयोग की ओर से राजस्थान में आचार संहिता लगी हुई होगी ऐसे में उस समय किस तरह की सुप्रीम कोर्ट में दलील पेश होगी यह अभी कहां जाना कुछ संभव नहीं है। जबकि सरकार की ओर से इस मामले में 2 वीक का समय सुप्रीम कोर्ट से मांगा था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की दलील को स्वीकार नहीं किया और इस मामले को 21 नवंबर तक के लिए टाल दिया गया।