राजस्थान के आर्थिक विकास को नई ऊंचाई देने और राज्य में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए राज्य सरकार आगामी 9 से 11 दिसंबर तक जयपुर में ’राइजिंग राजस्थान’ इन्वेस्टमेंट समिट का आयोजन करेगी।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने गुरूवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में इस संबंध में आयोजित एक बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि इस इन्वेस्टमेंट समिट का उद्देश्य देशी-विदेशी कंपनियों, अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं और निवेशकों को प्रदेश की ओर आकर्षित करना है। उन्होंने कहा कि सरकार प्रदेश में औद्योगिक निवेश का बेहतर माहौल सुनिश्चित करने के लिए हर संभव पहल कर रही है और इसी क्रम में आयोजित किए जा रहे इस निवेश सम्मेलन से प्रदेश के विकास के साथ रोजगार के भरपूर अवसर सृजित होंगे।
मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि इस आयोजन से प्रदेश में आने वाले निवेश को धरातल पर मूर्त रूप देने के लिए राज्य सरकार की ओर से निवेशकों की हर संभव मदद की जाएगी। उन्होंने कहा कि निवेशकों को उनके द्वारा किए जाने वाले निवेश संबंधित क्षेत्र की सभी जानकारी पहले ही उपलब्ध करवायी जाए, ताकि उन्हें निवेश को धरातल पर मूर्तरूप देने में आसानी रहे। मुख्यमंत्री ने उद्योग एवं वाणिज्य विभाग व इस आयोजन से जुड़े समस्त स्टेक हॉल्डर्स को निर्देशित किया कि ‘राइजिंग राजस्थान’ निवेश शिखर सम्मेलन को सफल बनाने के लिए सभी टीम भावना के साथ कार्य करें।
निवेशकों को आकर्षित करने के लिए देश-विदेश में होंगे रोड शो
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस दौरान ‘राइजिंग राजस्थान’ के लोगो को भी लॉन्च किया, ताकि उसकी देश और विदेश के विभिन्न महत्वपूर्ण मंचों पर अलग ब्रांड आइडेंटिटी बन सके। ‘राइजिंग राजस्थान’ के तहत राज्य सरकार देश और विदेश के विभिन्न शहरों में निवेशक रोड शो भी करेगी, ताकि विश्वभर के निवेशकों को राजस्थान में निवेश करने का न्यौता दिया जा सके।
प्रदेश में ‘सिंगल-प्वाइंट निवेशक इंटरफेस’ लॉन्च
साथ ही, राजस्थान में निवेश करने के लिए इच्छुक निवेशकों के लिए मुख्यमंत्री शर्मा ने राज्य सरकार के ‘सिंगल-प्वाइंट निवेशक इंटरफेस’ को भी लॉन्च किया, ताकि निवेशक सरकार के साथ आसानी से एमओयू कर सकें। इस ‘सिंगल-प्वाइंट निवेशक इंटरफेस’ प्लेटफॉर्म के माध्यम से निवेशक राज्य सरकार के साथ एमओयू के लिए अपनी मंशा ऑनलाइन जाहिर कर सकते हैं और उनके प्रस्तावों को मंज़ूरी भी ऑनलाइन दी जाएगी। इस पहल के लॉन्च किये जाने के तुरंत बाद ‘राइजिंग राजस्थान’ के आयोजन के लिए नोडल विभाग ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टमेंट प्रमोशन को 8000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव मिले।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मागदर्शन में प्रदेश के विकास के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध
मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि “विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में भारत के उभरने से राजस्थान के लिए विकास के नए अवसर खुले हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में हमारी डबल इंजन सरकार राज्य के विकास को एक नए युग में ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है और इसके तहत, हमारा लक्ष्य अगले 5 वर्षों में राजस्थान को 350 बिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का है। राजस्थान के समग्र विकास को लेकर बनायी गई हमारी नीतियां विश्वसनीय हैं और निवेशकों के अनुकूल हैं, ताकि राज्य और हमारे लोग विकास के एक नए दौर में पहुंच सके। ‘राइजिंग राजस्थान’ इन्वेस्टमेंट समिट 2024 के माध्यम से राजस्थान में उपलब्ध इन अवसरों को हम देश और विदेश के निवेशकों को प्रस्तुत करेंगे।”
मुख्यमंत्री शर्मा ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि, “हम पिछली सरकारों की तरह नहीं हैं जो इस तरह के सम्मेलन अपने कार्यकाल के अंतिम समय में आयोजित करती थी, ताकि हिसाब नहीं देना पड़े। हम चुनौतियों से घबराते नहीं हैं और इसलिए अपने कार्यकाल के पहले वर्ष में ही हम ’राइजिंग राजस्थान’ निवेश सम्मेलन आयोजित करने जा रहे हैं।”
इस अवसर पर उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़, उद्योग एवं वाणिज्य राज्य मंत्री के.के. विश्नोई, मुख्य सचिव सुधांश पंत, अतिरिक्त मुख्य सचिव (वित्त) अखिल अरोड़ा, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव शिखर अग्रवाल, उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव अजिताभ शर्मा, कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी सहित सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
राजस्थान निवेशकों के लिए आदर्श प्रदेश
उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने कहा कि, “हमारे राज्य में विकास की अपार संभावनाएं हैं और इसलिए राजस्थान निवेशकों के लिए एक आदर्श प्रदेश है। ‘राइजिंग राजस्थान’ निवेश शिखर सम्मेलन के जरिए हम केवल एमओयू नहीं करना चाहते हैं, बल्कि राजस्थान में वास्तविक निवेश लाना चाहते हैं। ग्लोबल कंपनियों को राज्य में लाना, राज्य में अवस्थित प्रचुर खनिज और प्राकृतिक संसाधनों तथा प्रतिभाशाली वर्कफोर्स का लाभ उठाना, मौजूदा व्यवसायों को विकास के नए अवसर प्रदान करने जैसे कई लक्ष्यों का संधान करना इस शिखर सम्मेलन का उद्देश्य है, ताकि हमारे राज्य के युवाओं के लिए नित नए अवसर पैदा हों।”
मुख्य सचिव सुधांश पंत ने कहा कि, “पहले ही वर्ष में इस शिखर सम्मेलन की मेजबानी करके, यह सरकार निवेश के नए अवसर पैदा कर रही है और निवेशकों के अनुकूल नीतियां पेश कर रही है। हम निवेश की प्रक्रिया को सरल बना रहे हैं और एमओयू के लिए मिले प्रस्तावों के लिए ‘सिंगल-प्वाइंट निवेशक इंटरफेस’ का लॉन्च किया है और इसी प्लेटफॉर्म के जरिए ऑनलाइन अनुमति भी देंगे, ताकि उद्योग और व्यावसायिक जगत को व्यक्तिगत रूप से आने की जरूरत नहीं पड़े। हमारा लक्ष्य ‘राइजिंग राजस्थान’ निवेश शिखर सम्मेलन को इंस्टीट्यूशनलाइज करना है जिसमें हरित ऊर्जा (ग्रीन एनर्जी), कौशल और महिला सशक्तिकरण जैसे कई क्षेत्रों का निरंतर विकास सुनिश्चित किया जा सके।”
उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव और राजस्थान राज्य औद्योगिक विकास निगम (रीको) के अध्यक्ष अजिताभ शर्मा ने कहा कि, “वैश्विक मंच पर राज्य की निवेश क्षमता को उजागर करने के ‘राइजिंग राजस्थान’ के तहत राजस्थान सरकार देश और दुनिया भर के प्रमुख व्यापारिक शहरों में निवेशक रोड शो की एक श्रृंखला आयोजित करेगी। इस त्रि-दिवसीय शिखर सम्मेलन में विभिन्न क्षेत्रों के बारे में स्ट्रेटिजिक सत्र, किसी देश विशेष के लिए सत्र और उद्योगपतियों और व्यावसायिक क्षेत्रों के प्रमुख व्यक्तियों के साथ आमने-सामने की बैठकें आयोजित करने जैसी कई गतिविधियां होंगी। साथ ही, एमएसएमई कॉन्क्लेव, स्टार्टअप कॉन्क्लेव और प्रवासी राजस्थानी शिखर सम्मेलन भी इस दौरान आयोजित किए जाएंगे।”
राजस्थान सरकार के तत्वाधान में ‘राइजिंग राजस्थान’ शिखर सम्मेलन का आयोजन उद्योग विभाग, ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टमेंट प्रोमोशन (बीआईपी) और राजस्थान राज्य औद्योगिक विकास निगम (रीको) के द्वारा किया जा रहा है, जिसका नोडल विभाग बीआईपी है। साथ ही साथ, कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) ‘राइजिंग राजस्थान’ निवेश शिखर सम्मेलन का समिट इंडस्ट्री पार्टनर है और इसके आयोजन में मदद कर रहा है।
सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने इस आयोजन को सफल बनाने और विभिन्न क्षेत्रों में निवेश की सुविधा प्रदान करके राजस्थान को भारत में सबसे तेजी से बढ़ते राज्यों में से एक बनाने में अपने पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।
देश के सबसे बड़े राज्य राजस्थान में अपार मात्रा में प्राकृतिक खनिज और अन्य संसाधन उपलब्ध हैं। साथ ही, राज्य में स्किल्ड वर्कफोर्स की भी कमी नहीं है और यह राज्य रणनीतिक रूप से उत्तर भारत के प्रमुख उपभोक्ता बाजारों के करीब है। पिछले एक दशक में दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरीडोर (डीएमआईसी) और वेस्ट्रन फ्रेट कॉरीडोर जैसी इंफ्रास्ट्रक्चर की बड़ी परियोजनाएं यहां चल रही हैं।
राज्य और केंद्र सरकार के बीच सकारात्मक तालमेल है, जो विकास परियोजनाओं की निरंतर प्रगति सुनिश्चित करता है और राज्य में उद्योगों के अनुकूल वातावरण बनाने में भी मदद करता है। राजस्थान सरकार निवेशकों की परेशानियों को दूर करने के लिए प्रतिबद्ध है और ‘राइजिंग राजस्थान’ उसी दिशा में उठाया गया एक कदम है, ताकि राज्य में निवेश के नए अवसर आते रहें।