Home राजनीति सरकार बनाने में बीजेपी को अभी कई दिक्कतों का करना पड़ेगा सामना

सरकार बनाने में बीजेपी को अभी कई दिक्कतों का करना पड़ेगा सामना

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लोकसभा चुनावों में बीजेपी के जिस तरीक़े से परिणाम आए उससे नरेंद्र मोदी काफ़ी खुश नज़र नहीं आ रहे है। 400 पार का नारा लगाने वाले मोदी जी भाजपा के खाते में पूर्ण बहुमत भी नहीं ला पाये ..और 240 सीटों पर ही उनकी गाड़ी अटक गयी…हां दूसरी तरफ भले ही अपने साथ गठबंधन के साथ यानी एनडीए ने 291 का आकंड़ा छू लिया हो …लेकिन मोदी जी के लिये ये जीत एक गले की फांस की तरह बन गयी है इस जीत के बाद मोदी जी के समर्थक बड़े जोश के साथ ये कह रहे है कि नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बन रहे है ..लेकिन बाजारो में जिन चर्चाओं ने माहौल को गर्मा रखा है वो ये है कि इस बार मोदी को रिप्लेस किया जा रहा है और उनकी जगह किसी औऱ को पीएम बनाने की तैयारी की जा रही है…क्योंकि जहां नरेंद्र मोदी सिर्फ खुद को ही पार्टी का चेहरा मानते हुये पूरे चुनाव में हावी रहे ..किसी दूसरे नेता को या पार्टी के काम को आगे नहीं रखा गया कार्यकर्ताओं का दर्द ये रहा कि उन्हें ज़्यादा पूछा नहीं गया।

चुनावी मैदान में मोदी जी का दिया हुआ नारा इस बार 400 पार और मोदी की गारंटी पर ही लड़ा गया ..उनके इस रणनीति में अमित शाह और जेपी नड्डा ही शामिल रहे बाकि पार्टी के सारे नेताओं को दरकिनार कर दिया गया ..ऐसे में नतीजा ये रहा कि जनता जनार्धन ने सिर्फ मोदी मोदी के नाम पर वोट नहीं दिया और पार्टी बहुमत से पिछड गयी …अब जब चुनाव ही सिर्फ मोदी के नाम पर लड़ा गया तो हार की जिम्मेदारी भी उन्ही की बनती है ..लेकिन यहां हद तो तब हो गयी जब मोदी इस हार का श्रेय खुद पर लेने को तैयार नहीं है ..ऐसे में चुनावों के परिणाम के बाद एनडीए में बहुत ज्यादा उथल पुथल मची हुई है …यहां मोदी जी को फिर से प्रधानमंत्री नहीं बनाने की मांग उठ गयी है ..यहां तक की भाजपा को बनाने वाला और मोदी जी को लाने वाला आरएसएस भी अब नरेंद्र मोदी के खिलाफ हो गया है ..और उन्हे तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने पर साफ़ तौर पर कुछ नहीं कह रहा है … कहा जा रहा कि जिस तरह से चुनावों के दौरान मोदी शाह औऱ नड्डा ने अपनी मनमानी चलाई है उससे पार्टी में खासी नाराजगी है और अब चुनाव परिणाम के बाद बहुत बड़े बदलाव की तैयारी की जा रही है …वैसे 5 जून को ऐसा लगा कि एनडीए और इंडिया गठबंधन की ओर से कुछ बड़ा फैसला सामने आ सकता है …क्योंकि दोनों गठबंधन दलों की दिल्ली में मीटिंग हुई रही थी…. लेकिन जब इंडिया गठबंधन ने मीटिंग के बाद मीडिया से बात की तो
कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे ने कुछ और ही कहानी पेश कर दी जिसकी किसी को उम्मीद नहीं थी …खरगे ने कहा कि इंडिया गठबंधन के सारे नेताओं ने यह डिसाइड किया है कि वह विपक्ष में रहेंगे और सही समय आने पर फैसला दिया जाएगा… कांग्रेस अध्यक्ष का सही समय वाला बयान भी अपने आप में बड़ा सियासी हलचल लाने वाला है ….कांग्रेस अध्यक्ष के इस तरह के बयान के बाद पूरी सियासत में हलचल मच गयी …क्योंकि जहां हर कोई ये सोच रहा था कि इंडिया गठबंधन सरकार बनाने की तैयारी कर रहा है इस लिये ये मीटिंग बुलाई है लेकिन यहां तो अलग ही खेल की तैयारी की जा रही है ..वहीं मल्लिकार्जून के बयान के बाद मोदी जी की नींद जरूर उड़ गयी …क्योंकि मीडिया से बात करते हुये मल्लिकार्जून खरगे ने ये भी कह दिया था कि जिन्हे लोकतंत्र पर यकीन है संविधान पर यकीन है उनके लिए हमारे गठबंधन के दरवाजे खुले है ..इसका खुला मतलब ये भी हैं कि इस बयान से वो चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार के लिए सीधा ऑफर भी दे रहे है … इसके साथ ही सही समय पर सही फैसला लेने की बात एक्सपर्ट्स तूफान से पहले की खामोशी मान रहे है यानी की इंडिया गठबंधन खामोशी से कुछ ऐसा प्लान कर रहा है जिसकी उम्मीद किसी को नहीं है।

विशेषज्ञों का कहना है कि इंडिया गठबंधन यह नहीं कह रहा है कि हम सरकार बनाएंगे ही नहीं लेकिन अभी नहीं बनाएंगे और कब बनाएंगे यह तय नहीं हुआ है क्योंकि अभी जो हालात बने हुये है वो काफी उथल पुथल वाले है ..क्योंकि जैसे ही खरगे ने ये बात कही उसके कुछ घंटों बाद ही चंद्रबाबू नायडू ने देर रात इंडिया गठबंधन के नेता और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन से मुलाकात की ..यानी कि जो चंद्रबाबू नायडू शाम को मोदी जी के साथ फोटो खिंचा रहे थे ..उन्हें समर्थन पत्र दे रहे थे .. उसके कुछ देर बाद ही नायडू इंडिया गठबंधन के नेता के साथ मीटिंग कर रहे है …जो काफी हैरान कर देने वाली बात है …क्योंकि तेजस्वी और नीतीश कुमार की
तस्वीरों को लेकर अटकलों का बाजार थमा ही था कि उनकी इस मीटिंग ने आग में घी डालने का काम किया है ..क्योंकि एक तरफ जहां विपक्ष घात लगाए बैठा है आपके सहयोगियों पर नजर गड़ाए बैठा है..ऐसे में बताइए इस सरकार पर भरोसा कैसे किया जाए…वैसे चंद्रबाबू नायडू के लिए कहा जाता है कि उनकी मांगे कभी खत्म नहीं होती है ..इस बार भी नायडू की मांगों की लिस्ट इतनी लंबी है कि लगता है कि मोदी जी को कहीं अमित शाह को अपने कैबिनेट से
बाहर ही ना करना पड़ा जाये …और शायद मोदी जी के लिये ये बड़ी बात भी नहीं होगी क्योंकि सब जानते है कि मोदी जी प्रधानमंत्री की कुर्सी के लिये कुछ भी कर सकते है .. इसके अलावा नीतीश कुमार ने भी शपथ ग्रहण से पहले लंबी फरमाइश रख दी है .. जेडीयू ने रेल.. वित्त. कृषि मंत्रालय माँग लिया है साथ ही अपनी पार्टी के तीन मंत्री बनाने की मांग रखी है …इससे साबित हो जाता है कि अब प्रेशर पॉलिटिक्स शुरू हो चुकी है.. यानी कि असली खेल अब शुरू होने जा रहा है …वैसे अगले साल बिहार…महाराष्ट्र सहित कई राज्यो में विधानसभा चुनाव होने है ….लेकिन यहां बिहार को जोड़कर देखें तो यह कहा जा रहा है कि हो सकता है कि नीतीश कुमार तेजस्वी के साथ मिलकर ही बिहार में चुनाव लड़े और अगर ऐसा होता है तो ये सरकार उसी वक्त गिर जाएगी ……फिलहाल तो मोदी जी ने पीएम पद से इस्तिफा दे दिया है …लेकिन अब उन्हे फिर से प्रधानमंत्री का पद हासिल हो ये थोड़ा मुश्किल नजर आ रहा है कि ..क्योंकि जिस तरह से नरेंद्र मोदी के काम करने का तरीका रहा है उससे उनकी पार्टी के साथ साथ सहयोगी दलों में भी नाराजगी है …फिर चाहे वो चंद्र बाबू नायडू हो या नितिश कुमार ..ये दोनों ही जानते है कि जिसने भी मोदी को समर्थन दिया है वो बाद में खत्म ही हो गया है …फिलहाल नीतिश कुमार औऱ चंद्रबाबू नायडू और चिराग पासवान तीनों ही मोदी को समर्थन देने की बात कह रहे है लेकिन अगर ये तीनों पीछे हट जाते है तो एनडीए के पास पूर्ण बहुमत ही नहीं बचेगा यानी की एनडीए सरकार नहीं बना पायेगी …इसका मतलब फिर इंडिया गठबंधन सरकार बनायेगा।

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