Thursday, December 26, 2024

सब इंस्पेक्टर उमा व्यास लगा चुकी बाइस हज़ार पेड़, संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण प्रमुख ने दी बधाई।

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प्रकृति के दोहन से सबसे ज़्यादा नुक़सान पर्यावरण को हो रहा हैं। इस असंतुलन से अनेक प्रकार की प्राकृतिक आपदा हमें विश्व के किसी ना किसी हिस्से में देखने को मिल रही हैं। पर्यावरण को बचाना बहुत ज़रूरी हैं। पर्यावरण संरक्षण के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई प्रयास किए जा रहे हैं।जिस प्रकार मौजूदा समय में प्रकृति का स्तर गिरता जा रहा है, आने वाला समय काफी खतरनाक हो सकता है। गर्मी का स्तर इतना बढ़ गया है, कि लोगों को साफ और सुरक्षित हवा नहीं मिल पा रही है और पृथ्वी पर ऑक्सीजन खत्म होता जा रहा है। ऐसी विकट स्थिति में श्री कल्पतरु संस्थान की सक्रिय कार्यकर्ता और राजस्थान पुलिस में उप निरीक्षक के तौर पर प्रशिक्षण प्राप्त कर रही उमा व्यास जमीनी स्तर पर मानवता की सेवा में जुटी हुई है ।

  • उमा बिना किसी अनुदान के अब तक बाइस हज़ार से ज्यादा पौधे लगाकर संरक्षित कर चुकी हैं।संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम प्रमुख एरिक सोलहेम ने भी वीडियो संदेश के जरिए उमा को बधाई दी हैं।
  • इसी कड़ी में नेपाल के वन मंत्री ने भी संपूर्ण देश में निशुल्क पौधे उपलब्ध करवाने का ऐलान किया हैं।

वे आज संस्थान के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी सेवाएं दे रही है। बागमती नदी संरक्षण की बात हो या फिर कार्बन क्रेडिट को लेकर जन जागरूकता का अभियान हो । उन्होंने श्री कल्पतरु संस्थान के वालंटियर के रूप में इंडो नेपाल ग्रीन मिशन के तहत काठमांडू पहुंचकर भारत का नेतृत्व किया और वहां के केंद्रीय पर्यावरण मंत्री से शिष्टाचार भेंट के दौरान जल, जंगल, जानवर और जमीन के संरक्षण को लेकर चर्चा की । उमा के सार्थक प्रयासों को देखते हुए केंद्रीय वन मंत्री ने संपूर्ण देश में संस्थान को लगाने हेतु निशुल्क पौधे उपलब्ध करवाने और सभी प्रकार से सहयोग करने के लिए आस्वस्थ भी किया।

उमा की लगन और सक्रियता को देखते हुए उन्हें संस्थान के ग्रीन लंगस अभियान का ब्रांड एंबेसडर और कोऑर्डिनेटर भी बनाया गया है । जिसके तहत भारत की पांच हज़ार साल पुरानी पौधरोपण की तकनीक द्वारा बड़े-बड़े जंगल लगाए जा रहे हैं । उमा समय समय पर पहुंचकर इनका निरीक्षण करती है और संस्थान को जमीनी स्तर की जानकारी प्रदान करती है। उनके नेतृत्व में अब तक बाइस हज़ार से अधिक पौधे लगाकर संरक्षित किया जा चुके हैं । हाल ही में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव और इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव भी उमा व्यास के समर्थन में आगे आए हैं।

उमा कल्पतरु नाम से इतनी प्रभावित हुई कि उन्होंने राजस्थान के प्रसिद्ध मांगलियावास और बिलाड़ा पहुंचकर ऐतिहासिक कल्प वृक्षों पर शोध शुरू कर दिया और श्री कल्पतरु संस्थान द्वारा संचालित कल्पतरु नर्सरी से पौधे तैयार करवाकर निशुल्क वितरित करने का अभियान चलाया है । जिसके तहत देश भर में लाखों पौधे निशुल्क लगाएं और वितरण किये जा रहे हैं।

विद्यालय के अनुभव साझा करते हुए उमा ने बताया कि पहली बार स्कूल में गई तो छात्र-छात्राओं का जीवन स्तर संतोषजनक नहीं था । ऐसे में उमा ने विद्यार्थियों को प्रतिदिन ब्रश करके और नहा कर आने की शपथ दिलाई। उसके बाद छोटी सी शुरुआत से बड़ा परिवर्तन दिखाई देने लगा ।

उमा ने विद्यालय परिसर में ग्राम पंचायत को सहभागी बनाते हुए श्री कल्पतरु संस्थान के सहयोग से पौधारोपण करवाया और उनके संरक्षण के लिए ट्रिगार्ड भी लगवाए । उनकी इन सराहनीय सेवाओं के लिए विद्यालय परिवार की ओर से भी सम्मानित किया गया है।

वे श्री कल्पतरु संस्थान की महिला शाखा के माध्यम से महिलाओं से जुड़े अनेक गंभीर मुद्दों पर भी कार्य कर रही है। उनकी प्रेरणा से अब तक सैकड़ो लड़कियों और महिलाओं के जीवन स्तर में व्यापक बदलाव आया है।

संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के छठे प्रमुख एरिक सोलहेम ने भी एक संदेश जारी करके उमा के कार्यों की भूरि भूरि प्रशंसा की है। एरिक सोलहेम भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चैंपियन ऑफ द अर्थ अवॉर्ड भी दे चुके हैं।

वर्ष 2026 तक के लिए उन्हें ग्रीन लंगस अभियान का ब्रांड एंबेसडर और कोऑर्डिनेटर बनाया गया है। इस अभियान को दुनिया के अनेक देशों में ले जाने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं।श्री कल्पतरु संस्थान के 30 वर्षों के इतिहास में उमा व्यास पहली वालंटियर है, जिन्होंने वैश्विक स्तर पर भारत का नेतृत्व किया ।

उमा को उत्कृष्ट कार्यो के लिए हाल ही में वृक्ष मित्र पुरस्कार भी प्रदान किया गया है। साथ ही अनेक मंत्रियों और उच्च अधिकारियों ने भी प्रशंसा पत्र देकर उनका मनोबल बढ़ाया है । लेकिन पुरस्कार कभी भी उमा का मकसद नहीं रहे। यह सिर्फ उनके पथरीले पथ पर तारीफ के छोटे छोटे पुष्प मात्र हैं, उमा का मकसद तो संघर्षों की परवाह किए बगैर मंजिल की ओर बढ़ते जाना है।

श्री कल्पतरु संस्थान ने पिछले 30 वर्षों के अथक प्रयासों से अब तक एक करोड़ पौधे लगाने, वितरण करने और बचाने का कीर्तिमान कायम किया है ।

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