इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मेहंदीपुर बालाजी के महंत डॉ. नरेश पुरी जी महाराज ने कहा कि भारतीयों ने पुरे विश्व में भारत का नाम रौशन किया है। जब भारत को आजादी मिली थी तो किसी ने सोचा भी नहीं था कि एक दिन विश्व पटल पर भारतीय इस प्रकार अपनी पहचान बनायेगें। आज सभी क्षेत्रों में भारतीय लोग अग्रणी भूमिका निभा रहे है और पूरे विश्व में भारतीयों की धाक बढ रही है। यह विचार संस्कृति युवा संस्था की ओर से पेरिस में भव्य भारत गौरव सम्मान समारोह में कहे।
इस अवसर पर मेहंदीपुर बालाजी के महंत डॉ. नरेश पुरी जी महाराज ने हनुमान चालीसा के पाठ के साथ अपना सम्बोधन प्रारम्भ किया तथा कहा कि हम सबको अपने जीवन में बालाजी का आशीर्वाद लेना चाहिए, तो निश्चित रूप से जीवन में उत्तरोत्तर प्रगति होगी।
इस अवसर पर महाराज ने कहा कि मैं जहां भी देष विदेष में जाता हूं तो अपने कार्यक्रम का प्रारम्भ हनुमान चालीसा से करता हूं। आज पहली बार फ्रांस की सीनेट में हनुमान चालीसा के पाठ बालाजी महाराज के आशीर्वाद से करने का सौभाग्य मुझे मिला है।
इस अवसर पर समारोह में फ्रांस की सीनेट में वाइस प्रेसिडेंट डोमिनिक थियोफाईल ने भी संबोधित किया तथा कहा कि पूरे विश्व में भारतीयों का दबदबा है और हर क्षेत्र में भारतीय कार्य कर रहे हैं ।
इस अवसर पर समारोह की अध्यक्षता करते हुये संस्कृति युवा संस्था के इंटरनेशनल अध्यक्ष पं सुरेश मिश्रा ने कहा है कि हमें तय करना है कि हम अपने देश की माटी से इस प्रकार जुड़े रहें की हमारा अपनापन और भारतीयता लगातार आगे बढे। मिश्रा ने कहा है कि संस्कृति का ये 11वां आयोजन है और संस्कृति ने जयपुर मैराथन और सामाजिक जन आंदोलन और सामाजिक संचेतना का जो कार्य हाथ में ले रखा है वो अनवृत इसी प्रकार आगे बढ़ता रहेगा।
मिश्रा ने कहा कि पेरिस में आकर यह सम्मान समारोह आयोजित करना हम सबके लिये गौरव की बात है। जिन विभूतियों को आज भारत गौरव अवार्ड मिला है मै उनसे यही विनती करता हूं कि वह देष के विकास के लिए युवाओं को आगे लायें।
इस अवसर पर भारतीय दूतावास के अधिकारी प्रवीण कुमार ने कहा कि अब भारतीय पुरे विश्व में अपनी धाक जमा रहे है। जब भी हम भारतीयों से मिलते है तो अपनापन महसूस करते है। पेरिस की सीनेट में आकर भारत का तिरंगा लहराना अपने आप में बड़ी बात है।
इस अवसर पर फिल्म निर्माता निर्देशक अन्नू कपूर, यूनाईटेड किंगडम के गुरूजी राजराजेश्वर जी, माण्ड गायिका बेगम बतूल ने भी अपने विचार रखे।