राजधानी में सवाई मानसिंह अस्पताल परिसर में निर्माणाधीन आईपीडी टावर प्रोजेक्ट को मूल डिजाइन के मुताबिक जल्द से जल्द पूरा करने पर मौजूदा सरकार का फोकस है. चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर और नगरीय विकास मंत्री झाबर सिंह खर्रा की मौजूदगी में प्रोजेक्ट की एम्पावर्ड कमेटी की हुई बैठक में प्रोजेक्ट को लेकर अहम फैसले किए गए.
सवाई मानसिंह अस्पताल परिसर में निर्माणाधीन आईपीडी टावर प्रोजेक्ट की एम्पावर्ड कमेटी की सचिवालय में बैठक हुई. बैठक में चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर, नगरीय विकास मंत्री झाबर सिंह खर्रा, अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह, प्रमुख सचिव टी रविकांत,जेडीए आयुक्त मंजू राजपाल और आवासन आयुक्त इंदरपाल सिंह सहित चिकित्सा शिक्षा और सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए. आपको बताते हैं कि बैठक में प्रोजेक्ट को लेकर क्या अहम फैसले किए गए.
-आईपीडी टावर प्रोजेक्ट को उसकी मूल डिजाइन के मुताबिक 24 मंजिला ही बनाया जाएगा
-आईपीडी टावर के लिए भूमिगत पार्किंग का भी निर्माण किया जाएगा
-एसएमएस मेडिकल कॉलेज की ओर से बैठक में भूमिगत पार्किंग बनाने को लेकर नया प्रस्ताव दिया गया
-इस प्रस्ताव के एसएमएस अस्पताल की मौजूदा मोर्चरी और
-धन्वंतरि आउटडोर के ओपीडी रजिस्ट्रेशन काउंटर की भूमि पर भूमिगत तीन मंजिला पार्किंग का निर्माण प्रस्तावित है
-इस प्रस्ताव की फिजिब्लिटी देखने के लिए सात दिन का समय देने का फैसला किया गया
-जेडीए और एसएमएस मेडिकल के आला अधिकारी और प्रोजेक्ट कंसलटैंट फिजिब्लिटी देखेंगे
-सात दिन में ही इस बारे में अपनी फाइनल रिपोर्ट निष्कर्ष के साथ चिकित्सा मंत्री को सौंप देंगे
-इसके बाद दुबारा एम्पावर्ड कमेटी की बैठक बुलाकर पार्किंग योजना को लेकर फाइनल फैसला किया जाएगा
-हांलाकि जेडीए की ओर से भूमिगत पार्किंग निर्माण के लिए तीन विकल्प दिए गए हैं
-एसएमएस मेडिकल कॉलेज के फ्रंट सेट बैक और खेल के मैदान के नीचे भूमिगत पार्किंग बनाने का पहला विकल्प है
-हांलाकि मेडिकल कॉलेज खेल का मैदान की भूमि देने के लिए सहमत नहीं हैं
-लेकिन जेडीए अधिकारियों का कहना है कि अगर फ्रंट सेट बैक की भूमि को ही उपयोग में लिया जाए तो
-1800 वाहनों की क्षमता की तीन मंजिला भूमिगत पार्किंग का निर्माण किया जा सकता है
-दूसरा विकल्प दो फेज में भूमिगत पार्किंग बनाने का है
-पहले फेज में मेडिकल कॉलेज के फ्रंट सेटबैक में और
-दूसरे फेज में धन्वंतरि आउटडाेर और आईपीडी टावर के सेटबैक में एल शेप में भूमिगत पार्किंग बनाई जा सकती है
-जेडीए का तीसरा विकल्प रामनिवास बाग स्थित मौजूदा भूमिगत पार्किंग को इस्तेमाल करने का है
-यहां से आईपीडी तक शटल बस सर्विस चलाई जा सकती है
-इसके अलावा एसएमएस मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ चिकित्सक अस्पताल परिसर में पुराने भवन के स्थान पर भी भूमिगत पार्किंग बनाने की राय दे रहे हैं
एम्पावर्ड कमेटी की इस बैठक में आईपीडी टावर की पहुंच के लिए सड़क चौड़ी करने पर भी चर्चा की गई. निर्माणाधीन टावर से लगती हुई सड़क जो जेएलएन मार्ग को टोंक रोड से जोड़ती है, उस सड़क की चौड़ाई को 50 फीट से बढ़ाकर100 से 120 फीट किया जाना है. इसके लिए महाराजा कॉलेज परिसर की भूमि ली जानी प्रस्तावित है. नगरीय विकास मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने बताया कि प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए अतिरिक्त सौ करोड़ रुपए की दरकार है. यह व्यवस्था नेशनल हैल्थ मिशन या अन्य स्त्रोत से की जाएगी. इसके अलावा सड़क के लिए भूमि भी ली जानी है. वित्त संबंधी मामलात के निस्तारण के लिए उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी के स्तर पर बैठक होगी. साथ ही भूमि लेने के लिए उच्च शिक्षा विभाग और राजस्थान विश्वविद्यालय के अधिकारियों से चर्चा की जाएगी.
नगरीय विकास मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने बताया कि भूमिगत पार्किंग पर करीब डेढ़ सौ करोड़ रुपए का खर्च होने का अनुमान है. इसके अलावा कार्डियोलोजी के भवन का कार्य 31 अगस्त तक पूरा कर लिया जाएगा. इसके उपकरण के लिए तकनीकी निविदा का परीक्षण चल रहा है. वित्तीय निविदा में अगर राशि ज्यादा आई तो उसके लिए भी राशि की व्यवस्था की जाएगी. अक्टूबर तक कार्डियोलोजी यूनिट शुरू कर दी जाएगी. रही बात आईपीडी टावर की तो पार्किंग को लेकर रिपोअर् आने के बाद टावर का काम पूरा करने की अंतिम तिथि तय कर दी जाएगी. काम पूरा होने के बाद उपकरण स्थापना में चार से छह महीने और लगेंगे.
चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने बताया कि ऊपर की चार पांच मंजिलों से राजस्व अर्जित करने का प्लान है. हेलीकॉप्टर की लैडिंग होंगी. हायर एण्ड क्लाइंट होंगे. जब राजस्व वाले फ्लोर नहीं बनेंगे तो हमारे लिए हॉस्पिटल चलाना मुश्किल हो जाएगा.
चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने बताया कि पार्किंग के लिए भी अलग से बजट का प्रावधान किया जा रहा है. जहां भी भूमिगत पार्किंग बनेगी वहां से वह सीधे हॉस्पिटल से कनेक्ट होगी. प्रोजेक्ट को वित्तीय प्रबन्धन किया जाएगा. एक साल में प्रोजेक्ट पूरा किया जाएगा. एक हफ्ते में प्रोजेक्ट को लेकर सबकुछ क्लीयर हो जाएगा.
आईपीडी टावर प्रोजेक्ट को लेकर आज हुई एम्पावर्ड कमेटी में जिस तरह सार्थक मंथन किया गया, वह यह बताता है कि मौजूदा सरकार की मंशा इस प्रोजेक्ट समयबद्ध तरीके से पूरा करने की है. ताकि आमजन को इसका जल्द से जल्द लाभ दिया जा सके.