जयपुर: प्रशासन शहरों के संग अभियान में जारी पट्टों की जांच होगी. यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा का ने इसको लेकर ऐलान किया है. गड़बड़ी की शिकायतों वाले पट्टे के सभी प्रकरणों की जांच होगी. बाकायदा सार्वजनिक सूचना जारी कर लोगों से शिकायतें मांगी जाएंगी. जिसकी जांच होगी.
जेडीए की चित्रकूट योजना के पट्टों को लेकर बड़ा खुलासा किया था. अनियमित रूप से जारी 63 भूखंडों के पट्टे देने के मामले का खुलासा किया था. इस खुलासे के बाद राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. पट्टे जारी करने के अनियमितता वाले ऐसे सभी प्रकरणों की जांच का फैसला लिया गया है. इस जांच के दायरे में 63 भूखंडों के पट्टे देने का यह प्रकरण भी शामिल होगा.
इस प्रकरण में गंभीर अनियमित्ताओं को लेकर कई शिकायतें हैं. पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के अंतिम दिनों का यह मामला है. जब तत्कालीन JDC जोगाराम के समय 2-3 दिन में सभी भूखंडों का आवंटन किया था. तत्कालीन जोन उपायुक्त वीरेंद्र सिंह भाटी और सोसायटी संचालक लक्ष्मण सिंह की भी भूमिका मामले में संदिग्ध रही. बीड़ खातीपुरा के खसरा नंबर 201,202 की अवाप्ति के मुआवजे का लंबे समय विवाद था. कि मुआवजा काश्तकार को दिया जाए या गृह निर्माण सहकारी समिति को. ऐसे में जेडीए ने इस संबंध में अदालत में याचिका दायर की थी. लेकिन बिना याचिका वापस लिए या बिना अदालती फैसला आए निर्णय कर दिया. जेडीए ने खुद ही गैरकानूनी रूप से सहकारी समिति के पक्ष में कर निर्णय दिया. और आनन-फानन में चित्रकूट में बेशकीमती 63 भूखंड आवंटित कर दिए.
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सदस्यता सूची में मूल सदस्यों के नाम बदले जाने की कई शिकायतें हुई थी. हालांकि मुआवजा देने की मूल फाइल जेडीए से “गायब” है. लेकिन संभवतया एसीबी के पास इस फाइल की फोटो कॉपी है.