सांगानेर विधायक और राज. विश्वविद्यालय छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष डॉ. अशोक लाहोटी ने राजस्थान की सरकार द्वारा छात्रसंघ चुनाव पर रोक लगाने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया हैं और यह सीधा-सीधा लोकतंत्र की हत्या है।
विधायक अशोक लाहोटी ने कहा कि छात्र संघ के चुनाव “लोकतंत्र की पहली सीढ़ी” है और यही से ही छात्र नेता लोकतंत्र की प्रणाली ओर प्रकिया को समझते हैं और भविष्य के राज नेता पैदा होकर आगे अलग अलग पार्टी से जनप्रतिनिधि चुने जाते हैं और जनता की सेवा करते हैं।
विधायक अशोक लाहोटी ने बताया कि राजस्थान की सरकार द्वारा छात्रसंघ चुनाव पर रोक लगाना दुर्भाग्यपूर्ण है और यह सीधा-सीधा लोकतंत्र की हत्या है।
विधायक अशोक लाहोटी ने बताया कि पिछले छात्रसंघ चुनाव में कांग्रेस पार्टी की एनएसयूआई एक भी विश्वविद्यालय में चुनाव नहीं जीती थी और इस बार लगातार पेपर लीक, बेरोजगारी भत्ता , स्कॉलर शिप , नहीं देने से प्रदेश की कांग्रेस सरकार युवाओं से भयभीत है।
विधायक अशोक लाहोटी ने काँग्रेस सरकार पर आरोप लगाते हुए बताया कि युवा विरोधी कांग्रेस सरकार से राजस्थान का युवा, छात्र कांग्रेस सरकार के चुनाव से पहले इन चुनाव में कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो रहा था इससे भयभीत, डर के मारे कांग्रेस सरकार ने छात्र संघ चुनाव पर रोक लगाई है।
विधायक अशोक लाहोटी ने बताया कि मैं आज राजनीति की पीढ़ी पर जिस मुकाम पर हूं, उसके पीछे छात्र संघ ही है। मैं छात्र संघ का उपाध्यक्ष एवं अध्यक्ष पद पर निर्वाचित होने के बाद ही आगे की राजनीति में आगे बढ़ पाया। इसलिए छात्र संघ चुनाव सबसे ज्यादा जरूरी है।
विधायक अशोक लाहोटी ने बताया कि देश में वंशवाद को रोकने का सबसे बड़ा और सशक्त माध्यम छात्र संघों के चुनाव है। छात्र संघ के चुनाव ही प्रदेश एवं देश को नए छात्रनेता व राजनेता देता है जो आगे चलकर देश के लोकतंत्र में अपना अहम योगदान देते हैं। राजस्थान की सरकार ने इन चुनावों को बंद करना लोकतंत्र के गले घोंटने के बराबर हैं