प्रदेश में भर्ती परिक्षाओं में हुई धांधली के खुलासे लागातार सामने आते जा रहे है ….पहले एसआई भर्ती में हुई फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ…और फिर रीट भर्ती परीक्षा में डमी अभ्यर्थी बिठाने के मामले का खुलासा हुआ और अब ये सामने आया कि रीट भर्ती परीक्षा में डमी अभ्यर्थी बिठाने वाले गिरोह के तार सूचना सहायक भर्ती प्रक्रिया से भी जुड़े हैं… इसे लेकर सज्जनगढ़ थाना और कसारवाडी थाने में प्रकरण दर्ज किए गए हैं…
साथ ही बांसवाड़ा पुलिस ने डमी कैंडिडेट बैठाने वाले गिरोह के सरगना विरमाराम जाट सहित आधा दर्जन आरोपियों को हिरासत में लिया है। डिप्टी एसपी विनय चौधरी और शिवन्या सिंह ने बताया कि शिक्षक भर्ती 2022 में किए गए फर्जीवाड़े के साथ अन्य परीक्षाओं में बैठाए गए डमी अभ्यर्थियों के बारे में पुख्ता सबूत मिले हैं। खासतौर पर वनपाल और वनरक्षक भर्ती में किए गए फर्जीवाड़े के सबूत हाथ लगे हैं। जल्द ही इस मामले में बड़ा खुलासा हो सकता है।
महिला सहित चार शिक्षक हुए गिरफ्तार
शिक्षक भर्ती 2022 में डमी कैंडिडेट बैठाकर चयनित होने वाले चार शिक्षकों को बांसवाड़ा पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इनमें एक महिला शिक्षिका गीता देवड़ा है। अन्य तीन शिक्षकों में महेश चंद पटेल, महेंद्र बामनिया और बादर गरासिया शामिल है। पुलिस ने चारों आरोपी शिक्षकों को कोर्ट में पेश कर 26 जून तक के लिए पुलिस रिमांड पर लिया है। इन चार शिक्षकों के अलावा चार अन्य शिक्षकों के बारे में भी जानकारी मिली है जिन्होंने स्वयं परीक्षा ना देकर फर्जी अभ्यर्थी परीक्षा में बैठाया था। उन चार शिक्षकों की भी तलाश की जा रही है।
डमी कैंडिडेट गिरोह का सरगना चढ़ा हत्थे
प्रतियोगिता परीक्षाओं में डमी कैंडिडेट बैठाने वाले गिरोह के सरगना वीरमाराम जाट को भी बांसवाड़ा पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। विरमाराम जालोर जिले के भीनमाल क्षेत्र का रहने वाला है। वह कई प्रतियोगिता परीक्षाएं दे चुका है लेकिन किसी भी सरकारी नौकरी में उसका चयन नहीं हुआ। जब नौकरी नहीं लगी तो विरमाराम ने आदिवासी क्षेत्र के उन युवाओं को ढूंढना शुरू किया जो नौकरी के लिए 5 से 7 लाख रुपए दे सकते हैं। चूंकि आदिवासी समुदाय के छात्रों की मेरिट काफी कम जाती है। इसलिए विरमाराम ने आदिवासी इलाके को चुना। विरमाराम ने पिछले चार साल में फर्जी अभ्यर्थी के रूप में जितने भी एग्जाम दिए। सभी में अभ्यर्थियों की सरकारी नौकरी लग गई थी। डमी कैंडिडेट बनकर और अन्य डमी कैंडिडेट उपलब्ध कराकर विरमाराम ने कई युवाओं को शिक्षक, वीडियो, सूचना सहायक और अन्य पदों पर नौकरियां लगवाई।
विरमाराम जाट के सहयोगी आरोपी भी हिरासत में
डिप्टी एसपी शिवन्या सिंह का कहना है कि आधा दर्जन से ज्यादा संदिग्ध आरोपी पुलिस की हिरासत में है। उन आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। इनमें जालोर के हांडी गांव निवासी सेवालाल भाबोर, सुजानगढ़ निवासी शंकरलाल और सकन खड़िया शामिल है। ये तीनों संदिग्ध व्यक्ति विरमाराम के सहयोगी हैं। शंकरलाल जिला परिषद में कर्मचारी है जबकि सकन खड़िया ग्राम विकास अधिकारी के पद पर नौकरी कर रहा है। कुछ अन्य आरोपी भी पुलिस की हिरासत में है। पूरे प्रकरण में करीब 50 से ज्यादा लोग शक के दायरे में हैं।
सूचना सहायक भर्ती में भी फर्जीवाड़ा
पुलिस ने बीसीएमओ सज्जनगढ़ में कार्यरत सूचना सहायक मुकेश कुमार मईडा को भी गिरफ्तार किया है …बताया जा रहा है कि आरोपी मुकेश की ओर से सूचना सहायक भर्ती में डमी अभ्यर्थी बिठाया गया. थानाधिकारी बीसीएमओ कार्यालय पहुंचे और मुकेश को डिटेन किया. जांच के दौरान सामने आया कि मुकेश के आवेदन पत्र पर स्वयं का और परीक्षा के प्रवेश पत्र पर किसी अन्य का फोटो था. उसने दलाल सेवालाल भाभोर के माध्यम से विरमाराम को डमी कैंडिटेंट के रूप में बैठाया था .. दूसरी ओर कसारवाडी थाने में देवीलाल नामक युवक के खिलाफ भी प्रकरण दर्ज हुआ है. वह भी सूचना सहायक की भर्ती में चयनित हुआ, किंतु उसका पदस्थापन शेष है.