77 वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मैं देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी और कहा कि सभी देशवासी उत्साह के साथ अमृत महोत्सव मना रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सभी लोग स्वतंत्रता दिवस को उत्साह के साथ मनाने की तैयारी कर रहे हैं। ये मुझे बचपन की याद भी दिला रहा है। जब तिरंगा फहराया जाता था तो लगता था कि शरीर में बिजली कौंध गई हो। मिठाई बांटी जाती थी। ये सब उत्साह से भर देता था। स्वतंत्रता दिवस हमें ये याद दिलाता है कि हम व्यक्ति नहीं हैं, हम विश्व के सबसे बड़े नागरिक समुदाय हैं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि यह दिन हम सब के लिए गौरवपूर्ण और पावन है। चारों ओर उत्सव का वातावरण देखकर मुझे बहुत प्रसन्नता हो रही है। उन्होंने कहा कि जाति, पंथ, भाषा और क्षेत्र के अलावा, हमारी अपने परिवार और कार्य-क्षेत्र से जुड़ी पहचान भी होती है। लेकिन हमारी एक पहचान ऐसी है जो इन सबसे ऊपर है, और हमारी वह पहचान है, भारत का नागरिक होना।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस हमें यह याद दिलाता है कि हम केवल एक व्यक्ति ही नहीं हैं, बल्कि हम एक ऐसे महान जन-समुदाय का हिस्सा हैं जो अपनी तरह का सबसे बड़ा और जीवंत समुदाय है। यह विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के नागरिकों का समुदाय है।
उन्होंने कहा कि औपनिवेशिक शासन ने इसे खत्म करने की कोशिश की थी। 15 अगस्त 1947 को हम आजाद हुए। हमारा स्वाधीनता आंदोलन अद्भुत था। महान सभ्यता के मूल्यों को जन-जन में ले गए। हमारे स्वाधीनता संग्राम के मूल्यों सत्य-अहिंसा को पूरी दुनिया में अपनाया गया है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि गांधीजी और अन्य महानायकों ने भारत की आत्मा को फिर से जगाया और हमारी महान सभ्यता के मूल्यों का जन-जन में संचार किया। उन्होंने कहा कि मैं सभी देशवासियों से आग्रह करती हूं कि वे महिला सशक्तीकरण को प्राथमिकता दें। मैं चाहूंगी कि हमारी बहनें और बेटियां साहस के साथ, हर तरह की चुनौतियों का सामना करें और जीवन में आगे बढ़ें।उन्होंने कहा कि आज महिलाएं हर क्षेत्र में बढ़-चढ़कर योगदान दे रही हैं और देश का गौरव बढ़ा रही हैं। मुझे प्रसन्नता होती है कि महिलाओं की आर्थिक सशक्तीकरण पर ध्यान रखा जा रहा है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि आज हम देख रहे हैं कि भारत ने विश्व पर यथोचित स्थान बनाया है। अपनी यात्राओं के दौरान मैंने नए गौरव का भाव देखा है। भारत दुनिया में मानवीय मूल्यों को स्थापित करने में अग्रणी योगदान दे रहा है।उन्होंने कहा कि भारत पूरी दुनिया में, विकास के लक्ष्यों और मानवीय सहयोग को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि जी- 20 समूह दुनिया की दो-तिहाई जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करता है, इसलिए यह हमारे लिए वैश्विक प्राथमिकताओं को सही दिशा में ले जाने का यह एक अद्वितीय अवसर है। उन्होंने कहा कि देश ने चुनौतियों को अवसरों में बदला है और प्रभावशाली जीडीपी ग्रोथ भी दर्ज की है।