मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि भारत के संविधान और लोकतंत्र में निष्ठा रखने वाले लोग 25 जून 1975 का दिन कभी नहीं भूल सकते।आज जो लोग लोकतंत्र एवं संविधान बचाने का ढोंग कर रहे हैं,उनके द्वारा इस दिन देश में लागू किया गया आपातकाल लोकतंत्र पर काले धब्बे के समान है।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा मंगलवार को राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में संविधान संरक्षण मंच द्वारा आयोजित संविधान,लोकतंत्र और सामाजिक न्याय में प्रतिबद्धता विषयक संगोष्ठी में सम्बोधित कर रहे थे।इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार संविधान को सर्वोपरि मानती है।साथ ही उन्होंने देश के संविधान की रक्षा का अपना वचन बार-बार दोहराया है और प्रदेश में भी संविधान की रक्षा का दायित्व हम पूरी निष्ठा के साथ निभा रहे हैं।
आपातकाल ने छीने संवैधानिक अधिकार
इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि संविधान हमारे देश का सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज है,जो हमारे लोकतंत्र की नींव और सामाजिक न्याय की प्रेरणा है।बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के नेतृत्व में तैयार किया गया यह दस्तावेज न केवल हमारे संवैधानिक ढांचे को परिभाषित करता है,बल्कि यह भी सुनिश्चित करता है कि हर नागरिक को समान अधिकार और न्याय मिले।साथ ही उन्होंने कहा कि आपातकाल के दौर में देश में नागरिकों के मौलिक अधिकारों समेत सभी संवैधानिक अधिकारों को जबरन छीन लिया गया।मीडिया सेंसरशिप लागू कर अभिव्यक्ति की आजादी को रौंद दिया गया।
इस दौरान मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पूर्व प्रधानमंत्री स्व.अटल बिहारी वाजपेयी की सरकारों ने बाबा साहेब के आदर्शों को मानते हुए उनसे जुड़े तीर्थों का विकास किया।वर्ष 2005 में मध्य प्रदेश में बाबा साहेब की जन्म भूमि तीर्थ के तौर पर महू में भव्य स्मारक बनाया गया।लंदन के जिस भवन में रहकर बाबा साहेब ने उच्च अध्ययन किया,उस भवन को शिक्षा भूमि तीर्थ रूपी स्मारक बना कर 2015 में राष्ट्र को समर्पित किया गया। दिल्ली में जिस भूमि पर बाबा साहेब ने अंतिम सांस ली,उस भूमि को स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने 2003 में अधिग्रहीत किया और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यहां महापरिनिर्वाण भूमि तीर्थ स्मारक बना कर भव्य रूप दिया।मुम्बई के दादर में जहां बाबा साहेब का अंतिम संस्कार हुआ था उस भूमि का चौत्य भूमि तीर्थ स्मारक बनाने हेतु अधिग्रहण किया गया है।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि हमारी सरकार ने अल्प समय में ही सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि एक हजार से बढ़ाकर 1150 रुपए करने, किसान सम्मान निधि की राशि बढ़ा कर 8 हजार रुपए करने,73 लाख परिवारों की महिलाओं को 450 रुपए में गैस सिलेंडर देने जैसे कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं।उन्होंने प्रबुद्ध वर्ग से आह्वान किया कि वंचित तबके को केन्द्र और राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं के बारे में अवगत कराएं ताकि वे भी समाज की मुख्य धारा में जुड़ सकें।
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने अपने सम्बोधन में 1975 में तत्कालीन सरकार द्वारा आपातकाल लागू किए जाने से जुड़ी दमनकारी घटनाओं को विस्तार से बताया।साथ ही उन्होंने कहा कि आपातकाल में लोकतंत्र सेनानियों के संघर्ष के कारण ही देश में पुनःलोकतंत्र बहाली हो सकी।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार सबका साथ,सबका विकास की भावना के अनुरूप अनुसूचित जाति,अनुसूचित जनजाति सहित वंचित वर्ग के कल्याण के लिए समर्पित है।
राज्य विधानसभा में सरकारी मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने कहा कि बाबा साहेब ने वंचितों को बराबरी का हक दिलाने के लिए समता का मार्ग दिखाया,वहीं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक सरसंघचालक डॉ.केशवराव हेडगेवार ने सामाजिक समरसता का संदेश दिया।समता और समरसता दोनों ही आपसी बंधुभाव में निहित हैं।
साथ ही विधायक रामसहाय वर्मा ने संविधान संरक्षण मंच के द्वारा इस संगोष्ठी के आयोजन के उद्देश्यों के बारे में जानकारी दी।संगोष्ठी में विधायकगण,संविधान संरक्षण मंच के पदाधिकारी,वर्तमान एवं सेवानिवृत्त वरिष्ठ अधिकारीगण और बड़ी संख्या में प्रबुद्धजन उपस्थित रहे।