Thursday, October 17, 2024

मुख्यमंत्री शर्मा ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष जोशी, राजेंद्र राठौड़ और ऊर्जा राज्य मंत्री नागर के साथ बधाई देना सत्ता और संगठन के बीच दूरियों को कम करने का है संदेश

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मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने बुधवार को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी,पूर्व प्रतिपक्ष के नेता राजेंद्र राठौड़ और ऊर्जा राज्य मंत्री हीरालाल नागर के साथ नई दिल्ली में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात की। मुख्यमंत्री शर्मा ने इन सभी नेताओं के साथ दूसरी बार लोकसभा अध्यक्ष चुने जाने पर बिरला को हार्दिक बधाई देने की तस्वीर ने राजनीति में एक नई चर्चा पैदा करदी है। 

सत्ता और संगठन में लोकसभा चुनाव हारने के बाद आई दूरियों को बुधवार को दिल्ली मेंलोकसभा के दूसरी बार चुने गए अध्यक्ष ओम बिरला के बधाई के मोदी के परएक साथ इन नेताओं का मिलन निश्चित तौर पर पार्टी के लिए सुखद स्थिति पैदा करता है। जयपुर मेंआयोजित होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों में सत्ता और संगठन की दूरी चर्चा का विषय बनी हुई थी।

मुख्यमंत्री शर्मा ने ओम बिरला से इन नेताओं के साथ मुलाकात यह दर्शाता है किआने वाले समय में सत्ता और संगठन के बीच जो कटुता आ गई थी उसमें कमी आएगी। लोकसभा चुनाव में हार की जिम्मेदारी सत्ता पर नहीं लगे मुख्यमंत्री शर्मा ने दिल्ली मेंप्रधानमंत्री से लेकर सभी प्रमुख नेताओं से मुलाकात कर अपना पक्ष मजबूत करने की कोशिश की। लेकिन प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने कठिन दौर में पार्टी को मजबूत और आगे बढ़ाने के लिए जो कुछ काम कियाऔर उसके बाद चित्तौड़ से तीसरी बार सांसद का चुनाव जीत कर अपनी स्थिति को मजबूत बना दिया है। फिलहाल संगठन के चुनाव की गतिविधियां शुरू हो गई है ऐसे में प्रदेश अध्यक्ष को हटाई जाने की चर्चा भी पूरी तरह खत्म हो गई है। मुख्यमंत्री शर्मा आखिर एकसाथ लोकसभा अध्यक्ष को बधाई देने क्यों पहुंचे इसका भी राजनीतिक संदेश सामने आ रहा है। चलो जो भी कुछ हो लोकसभा अध्यक्ष का दूसरी बार निर्वाचन निश्चित तौर पर राजस्थान की राजनीति में एक नया संदेश देने का काम करेगा।

आपातकाल के विरूद्ध लोकसभा में प्रस्ताव स्वागत योग्य

मुख्यमंत्री शर्मा ने नई दिल्ली में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि 25 जून, 1975 को देश में लगाए गए आपातकाल के विरूद्ध बुधवार को लोकसभा में आया प्रस्ताव स्वागत योग्य है। उन्होंने कहा कि तत्कालीन सरकार द्वारा देश के नागरिकों के अधिकार छीन लिए गए थे। लोकसभा में इस प्रस्ताव के जरिए दमन और शोषण के खिलाफ आवाज उठाने वाले सत्याग्रहियों के संघर्ष को सम्मान मिला है।

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