महानिदेशक पुलिस (डीजीपी) उत्कल रंजन साहू ने कहा है कि राजस्थान पुलिस देश में सोमवार, 01 जुलाई से लागू हुए नए क्रिमिनल लॉज को अच्छी तरह से लागू करने के लिए पूरी तरह सक्षम और तैयार है। उन्होंने कहा कि भारतीय की संसद द्वारा जिस मंशा से ये कानून पारित कर लागू किए गए है, उसी के अनुरूप राजस्थान पुलिस इन कानूनों को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है।
डीजीपी साहू ने बताया कि प्रदेश में इन कानूनों को लागू करने के लिए राजस्थान पुलिस के स्तर पर व्यापक तैयारियां की गई है। प्रदेश में पुलिस चौकियों से लेकर पुलिस मुख्यालय तक हर स्तर पर पुलिस अधिकारियों, अनुसंधान अधिकारियों और पुलिस कार्मिकों को सघन प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। इसके लिए समय—समय पर कार्यशालाओं और प्रशिक्षण सत्रों के माध्यम से इन कानूनों के प्रावधानों के बारे में अधिक से अधिक जानकारी हर स्तर पर पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को दी गई हैं।
डीजीपी साहू ने बताया कि सोमवार से तीन नये कानून भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) और भारतीय साक्ष्य अधिनिमय (बीएसए), वर्ष 1860 में बनी आईपीसी, 1872 में बने इंडियन एविडेंस एक्ट, वर्ष 1818 (संशोधित 1973) में बनी सीआरपीसी की जगह प्रभावी हो गए है।
उन्होंने बताया कि पहले के कानून दंड पर आधारित थे, जबकि नए कानून न्याय के सिद्धांत के आधार पर बनाए गए हैं। इनमें डिजिटल साक्ष्यों को महत्व देते हुए महिलाओं और बच्चों पर होने वाले अत्याचारों के मामलों को देखते हुए नए प्रावधान जोड़े गए हैं। साथ ही सीनियर सिटीजन और अन्य कमजोर वर्गों को ध्यान रखते हुए कई प्रकार के प्रावधान शामिल किए गए हैं। वहीं नए कानूनों में अदालत में विचारण के लिए अनुसंधान से लेकर ट्रायल तक समय सीमा भी निर्धारित की गई है।