जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री कन्हैया लाल ने जल भवन में विभाग की जनकल्याणकारी योजनाओं के बेहतर प्रबंधन और समयबद्ध तथा गुणवत्तापूर्ण क्रियान्वयन के लिए विभाग के नवीन आईटी पोर्टल कार्य प्रबंधन प्रणाली एवं राजस्थान जेजेएम डेशबोर्ड लॉन्च किया। उन्होंने कहा कि पोर्टल को चरणबद्ध रुप से विभाग में लागू किया जाएगा, जिससे न केवल योजनाओं को गति मिलेगी, बल्कि बेहतर वित्तीय नियोजन और गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सकेगी।
जलदाय मंत्री कन्हैया लाल चौधरी ने कहा कि प्रथम चरण में खण्ड कार्यालयों द्वारा समस्त दस्तावेजों को अपलोड करने के साथ-साथ विभिन्न योजनाओं में निर्माणाधीन पानी की टंकियों, पंप हाउस, पाइप लाइनों आदि की वर्तमान निर्माण स्थिति अपडेट की जाएगी। द्वितीय चरण में सभी कार्यों की निर्माण स्थितियां मोबाइल एप के माध्यम से अपडेट की जाएंगी, जिससे जीआईएस पर वास्तविक कार्य स्थिति की जानकारी मिल पाएगी। तृतीय चरण में मेजरमेंट के लिये जीआईएस आधारित ई-एमबी काम में ली जाएगी और ऑनलाइन बिल जनरेशन व सबमिशन व्यवस्था लागू की जाएगी।
उन्होंने बताया कि अन्तिम चरण में गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिये डीजिटल इन्स्पेक्शन, ऑनलाइन परचेज आर्डर, सैम्पल टैस्टिंग रिक्वेस्ट, हिंडरेंस मैनेजमेंट आदि फीचर भी पोर्टल मे उपलब्ध करवाए जाएंगे।
जलदाय मंत्री कन्हैया लाल चौधरी ने बताया कि विभाग में बड़ी संख्या में चल रही योजनाओं की प्रभावी मॉनिटरिंग, गुणवत्ता सुनिश्चित करने तथा समयबद्ध क्रियान्वयन के लिए सूचना प्रौद्योगिकी का प्रयोग समय की मांग है। इसी दिशा में एक कदम आगे बढ़ाते हुए पीएचईडी डब्ल्यू.एम.एस (WMS) पोर्टल की शुरुआत की जा रही है। जलदाय मंत्री ने कहा कि राजस्थान जे.जे.एम डेशबोर्ड पर आमजन अपने गांव और राज्य स्तर पर जल जीवन मिशन के तहत किये गए कार्यों की जानकारी देख सकते हैं। उन्होंने इस मौके पर टोंक जिले के पचेवर गांव में जल जीवन मिशन के तहत किये गये कार्यों की प्रगति रिपोर्ट भी देखी।
जलदाय सचिव डॉ. समित शर्मा ने कार्य प्रबंधन प्रणाली (WMS) पोर्टल के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इस पोर्टल के माध्यम से सटीक व्यय विवरण, कार्य की प्रगति तथा कार्य निष्पादन की गति की जानकारी मिलेगी, जिससे वित्तीय आवश्यकताओं का तार्किक अनुमान मिलेगा और योजनाओं का बेहतर वित्तीय प्रबंधन संभव होगा।
उन्होंने कहा कि विभागीय खण्ड कार्यालयों में बजट का वितरण वास्तविक कार्य प्रगति के आधार पर किया जाना संभव होगा, जिससे स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही पोर्टल पर परीक्षण संबंधी अलर्ट से निर्माण की गुणवत्ता भी बेहतर होगी। उन्होंने बताया कि योजनाओं के समयबद्ध क्रियान्वयन के लिए भी यह पोर्टल मददगार होगा, क्योंकि कार्य योजना बनाकर काम होगा। पोर्टल से संवेदकों की जवाबदेही भी सुनिश्चित होगी और ऑनलाइन ईएमबी और बिलिंग प्रणाली होने से उन्हें भुगतान के लिए इधर-उधर नहीं जाना पड़ेगा। साथ ही कार्य संबधी सभी आवश्यक दस्तावेज जैसे समस्त स्वीकृतियां, निविदा दस्तावेज, वर्क ऑर्डर, रनिंग बिल, परीक्षण रिपोर्ट, खरीद आदेश, भंडार पोर्टल पर सुलभ होंगे।
उन्होंने कहा कि पीएचईडी डब्ल्यू.एम.एस पोर्टल जलप्रदाय योजनाओं के क्रियान्वयन की गुणवत्ता सुधारने और उनके समयबद्ध क्रियान्वयन सुनिश्चित करने में मददगार साबित होगा।
कार्यक्रम में जल जीवन मिशन के एमडी बचनेश अग्रवाल, संयुक्त शासन सचिव (प्रथम) प्रवीण लेखरा सहित विभाग के मुख्य अभियंता उपस्थित रहे। विभाग के अन्य अतिरिक्त मुख्य अभियंता एवं अधीक्षण अभियंता वीसी के माध्यम से कार्यक्रम से जुड़े।