जलदाय विभाग ने घरेलू पेयजल के दुरुपयोग को रोकने के लिए कुछ प्रभावशाली नए नियम लागू किया है। जलदाय विभाग ने जारी आदेश में पीने के पानी का उपयोग मकान मालिक अब घरेलू उपयोग के अलावा अन्य किसी काम में नहीं कर सकेंगे। घरों में सप्लाई होने वाले पानी का उपयोग गाड़ी धोने, बिल्डिंग निर्माण, मैरिज गार्डन और कॉमर्शियल में करने पर रोक रहेगी।
प्रमुख शासन सचिव डॉ. समित शर्मा ने परिपत्र जारी घर कहां है कि घर के अंदर अगर पानी नलों से लीकेज हो रहा है तो भी मकान मालिक की जिम्मेदारी होगी। अगर ऐसा करते पाए जाते हैं तो उन्हें 1 हजार रुपए तक का जुर्माना भरना पड़ेगा। इसके बाद भी पानी की बर्बादी नहीं रुकी तो हर दिन 50 रुपए तक जुर्माना लगाया जा सकता है। फिर भी सुधार नहीं होने पर कनेक्शन काटने और सजा का प्रावधान भी है।
सर्कुलर जारी होने के बाद जलदाय सचिव डॉ. समित शर्मा ने सभी अधिकारियों को निगरानी की जिम्मेदारी सौंपी है। अधिकारियों को फील्ड में हर दिन घरों की जांच के निर्देश दिए हैं। पानी को दुरुपयोग करते पाए जाने पर जुर्माना और कनेक्शन काटने के निर्देश दिए हैं।
जलदाय विभाग की ओर से सप्लाई किया जा रहे पानी का उपयोग घरों में यूज कर सकेंगे। इस पानी का प्राइवेट स्वीमिंग पूल, बिल्डिंग-मकान बनाने, रेस्टोरेंट, होटल, मैरिज गार्डन, स्कूल, सार्वजनिक फाउंटेन, क्लब हाउस, सिनेमा घर, बोर्डिंग हाउस सहित अन्य कॉमर्शियल गतिविधि में उपयोग नहीं कर सकेंगे। इन जगहों पर घरेलू पानी का उपयोग करते पाए जाने पर भारी जुर्माना भरना पड़ेगा। इतना ही नहीं, कोर्ट में भी याचिका दायर की जाएगी।
जलदाय विभाग के शासन सचिव समित शर्मा द्वारा जारी परिपत्र में कहा गया है कि घरेलू पानी का कई तरह से दुरुपयोग हो रहा है। इसको रोकना विभाग की जिम्मेदारी है। पानी के दुरुपयोग को रोकने के लिए अभियान चलाया जाएगा। इसके तहत प्रदेशभर में जो भी लोग घरेलू जल का उपयोग व्यावसायिक गतिविधियों में कर रहे हैं, उनके खिलाफ राजस्थान वॉटर सप्लाई एंड सीवरेज कॉरपोरेशन एक्ट 1979 के तहत नोटिस देकर जुर्माना वसूला जाएगा। अगर इसके बाद भी सुधार नहीं करते हैं तो उनके पानी के कनेक्शन को काट दिया जाएगा।