Friday, October 18, 2024

नवगठित स्टेट एडवाइजरी कमेटी की पहली बैठक,प्रदेश के ट्रांस्पलांट सेंटर और मजबूत होंगे, केंद्र को भेजा जाएगा प्रस्ताव, अंगदान को बढ़ावा देने के लिए निचले स्तर तक दिया जाएगा प्रशिक्षण

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प्रदेश में अंगदान एवं प्रत्यारोपण के अभियान को मजबूती के साथ आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक प्रक्रियाओं को सुगम और पारदर्शी बनाया जाएगा। साथ ही, अंगदान एवं प्रत्यारोपण के संबंध में निचले स्तर तक प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रदेश के ट्रांसप्लांट सेंटरों एवं नॉन ट्रांसप्लांट ऑर्गन रिट्रीवल सेंटर्स को और अधिक सुदृढ़ बनाने के लिए राज्य सरकार की ओर से भारत सरकार को प्रस्ताव ​भेजा जाएगा।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती शुभ्रा सिंह ने  अंगदान और अंग प्रत्यारोपण से सम्बंधित नवगठित स्टेट एडवाइजरी कमेटी की शुक्रवार को चिकित्सा शिक्षा भवन में आयोजित पहली बैठक में अध्यक्षता करते हुए इस संबंध में निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अंगदान संवेदनशील विषय है, ऐसे में अंग प्रदाता और उनके परिजनों की संवेदनशील रूप से काउंसलिंग आवश्यक है। उन्होंने अंगदान और अंग प्रत्यारोपण को सफल बनाने के लिए चिकित्सकों, ट्रांसप्लांट कॉर्डिनेटर एवं ट्रांस्पलांट टीम सहित प्रत्येक स्तर पर ट्रेनिंग दिए जाने के लिए स्टेट ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन (सोटो) को निर्देशित किया। 

मेडिकल टूरिज्म से भी बढ़ाया जाएगा अंगदान—

श्रीमती सिंह ने कहा कि प्रदेश में लाइव एवं कैडेवर अंगदान और अंग प्रत्यारोपण के कार्य को प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ाया जा रहा है। चिकित्सा विभाग एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा निरंतर नए कदम उठाए जा रहे हैं। राज्य सरकार का प्रयास है कि मेडिकल टूरिज्म के माध्यम से अंग प्रत्यारोपण और अंगदान को बढ़ावा दिया जाए। उन्होंने कहा कि ब्रेन डेड अंग प्रदाता के केस में ब्रेन डेड मरीज की पहचान, परिजनों की अंगदान के लिए सहमति और अंगदान संबंधी प्रक्रिया का प्रोटोकॉल स्पष्ट और सुनिश्चित होना चाहिए। उन्होंने सोटो को इस संबंध में प्रोटोकॉल तैयार करने के लिए निर्देशित किया। 

अंगदान के लिए स्वास्थ्य बीमा योजनाओं में उपलब्ध हैं पैकेज—

अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि अंग प्राप्तकर्ताओं की वेटिंग लिस्ट में भी पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए। साथ ही स्टेट ऑथोराइजेशन कमेटी भी अंग प्रदान करने के लिए तय समय में ही एनओसी प्रदान करे, जिससे अंग प्राप्तकर्ता को अधिक इंतजार ना करना पड़े। उन्होंने इस प्रक्रिया को पूरी तरह ऑनलाइन करने के लिए पोर्टल तैयार करने के भी निर्देश दिए। अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि अंगदान एक महंगी प्रक्रिया है। राज्य सरकार ने इसके लिए मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना सहित अन्य स्वास्थ्य बीमा योजनाओं में अंगदान को पैकेज के रूप में शामिल किया है, ताकि परिजनों पर आर्थिक भार ना आए। उन्होंने कहा कि लोगों तक ज्यादा से ज्यादा इसकी जानकारी पहुंचाई जानी चाहिए।

एक अप्रेल से अब तक 75 एनओसी जारी—

श्रीमती सिंह ने बैठक में फर्जी एनओसी प्रकरण की भी समीक्षा की। इस दौरान एनओसी के लिए तैयार की गई एसओपी का प्रस्तुतीकरण दिया गया। सिंह ने सभी स्टेक होल्डर्स के साथ बैठक कर एसओपी पर सुझाव लेने के निर्देश दिए। बैठक में बताया गया कि फर्जी एनओसी प्रकरण के बाद गठित नई राज्य स्तरीय प्राधिकृत समिति द्वारा एनओसी जारी करने के लिए नियमित बैठकें आयोजित की जा रही हैं। एक अप्रेल, 2024 से 5 जुलाई, 2024 तक 86 प्रकरण प्राप्त हुए थे, जिनमें से 75 एनओसी जारी की गई है। सात प्रकरण विभिन्न कारणों से निरस्त हुए हैं। शेष एनओसी जारी होना प्रक्रियाधीन हैं। 

बैठक में चिकित्सा शिक्षा आयुक्त इकबाल खान, विधि एवं विधिक मामले विभाग के संयुक्त शासन सचिव, एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ दीपक महेश्वरी, सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक के अधीक्षक डॉ. विनय मल्होत्रा, न्यूरोसर्जरी के वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ. मनीष अग्रवाल, समुचित प्राधिकारी डॉ. रश्मि शर्मा और मीणा सहित समिति के अन्य सदस्य उपस्थित थे। नोटो के निदेशक डॉ. अनिल कुमार वीसी से बैठक में शामिल हुए।

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