अन्नाद्रमुक के वरिष्ठ नेता एवं तमिलनाडु के पूर्व परिवहन मंत्री एमआर विजयभास्कर को सीबी-सीआईडी पुलिस ने 100 करोड़ रुपए की जमीन हड़पने के आरोप में मंगलवार को केरल में गिरफ्तार किया। बाद में उसे केरल से करूर लाया गया और उससे पूछताछ की जा रही है।
करूर में अन्नाद्रमुक के कद्दावर नेता पर जाली दस्तावेजों का उपयोग करके एक व्यवसायी की 22 एकड़ जमीन हड़पने का आरोप है, जिला सत्र न्यायालय द्वारा उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद वह फरार हो गए थे। इसके बाद उन्होंने मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ में भी इसी तरह की याचिका दायर की, जिस पर सुनवाई होनी बाकी है।
इसी पृष्ठभूमि में, सीबी-सीआईडी पुलिस, जिसने करूर और चेन्नई में उनके आवास और कार्यालय परिसरों पर छापेमारी की थी और हाल ही में उनके भाई और उनके सहयोगियों का मोबाइल फोन सिग्नल ट्रैक किया था, केरल गई और उन्हें गिरफ्तार किया।
विजयभास्कर की जमानत याचिका खारिज होने के बाद उनकी तलाश शुरू करने वाली सीबी-सीआईडी टीम ने हाल ही में उत्तर भारत का दौरा भी किया था, क्योंकि जानकारी मिली थी कि वह वहां छिपे हो सकते हैं।
करूर के कारोबारी प्रकाश ने 11 मई को एक शिकायत दर्ज की थी और आरोप लगाया था कि श्री विजयभास्कर और सात अन्य लोगों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर उनकी 22 एकड़ जमीन पर अतिक्रमण किया और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की। शिकायत पर कार्रवाई करते हुए, करूर शहर पुलिस ने आठ धाराओं के अंतर्गत सात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करके जांच शुरू की।
बाद में पूर्व मंत्री के खिलाफ भी जमीन हड़पने के आरोपों के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया और पुलिस ने उनका पता लगाना शुरू कर दिया, जिसके बाद आज उनकी गिरफ्तारी हुई। अन्नाद्रमुक महासचिव और विपक्ष के नेता ईके पलानीस्वामी ने पूर्व मंत्री के परिसरों पर छापेमारी की निंदा की और इसे सत्तारूढ़ द्रमुक की ओर से राजनीतिक बदले की कार्रवाई करार दिया।