विधानसभा में जल संसाधन मंत्री सुरेश रावत घोषणा के बाद रामगढ़ बांध में अतिक्रमण की तथ्यात्मक रिपोर्ट के लिए जल संसाधन विभाग ने 4 सदस्यीय समिति का गठन कर दिया है। शनिवार को ही जल संसाधन मंत्री सुरेश रावत ने बांध के सर्वे के निर्देश दिए थे। इसके लिए उन्होंने चार विभागों की जॉइंट टीम बनाकर सर्वे कराने के लिए कहा था।
इसके बाद विभाग ने अतिरिक्त मुख्य अभियंता अजय त्यागी की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया है। यह समिति बांध के भराव और बहाव क्षेत्र का सर्वे करके 7 दिन में अपनी रिपोर्ट सौपेंगी। इसके बाद अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जाएगी।
इसके अलावा विभाग ने संयुक्त जांच टीम के लिए कलेक्टर को पत्र लिखकर उनसे टीम गठित करने का आग्रह किया हैं।
टीम बांध क्षेत्र में पांच साल में जारी एनओसी की जांच भी करेगी। समिति रामगढ़ बांध क्षेत्र में निर्माण से संबंधित जल संसाधन विभाग से राजस्व विभाग, जेडीए सहित सभी संस्थाओं को जारी अनापत्ति प्रमाण पत्रों (एनओसी) की जांच करेगी। यदि किसी भी प्रकार का गलत अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया है या खामी पाई गई है तो इसमें लिप्त अफसरों और कर्मचारियों की सूची मंत्री स्तर पर प्रस्तुत की जाएगी। इससे ऐसे अधिकारियों पर कार्रवाई की जा सके।
जल संसाधन मंत्री सुरेश रावतने कहा किहाईकोर्ट मॉनिटरिंग कमेटी ने बांध क्षेत्र के कुछ स्थान चिह्नित किए गए हैं, जहां अतिक्रमण की स्थिति बताई गई है। ऐसे सभी स्थानों की संबंधित विभागों से जांच करके अनुपालना रिपोर्ट हाईकोर्ट को भेजी जाएगी। विधानसभा में रामगढ़ बांध से जुड़े सवाल के जवाब में अगर गलत तथ्य दिए हैं तो इसकी भी जांच होगी, जल संसाधन विभाग के एसीएस को इसकी जांच करने को कहा है। इसमें कोई अधिकारी दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
बांध क्षेत्र में पांच साल में जारी एनओसी की जांच होगी मंत्री रावत ने कहा- रामगढ़ बांध क्षेत्र में निर्माण से संबंधित पिछले पांच साल में जल संसाधन विभाग से राजस्व विभाग, जेडीए सहित सभी संस्थाओं को अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) जारी किए गए हैं तो इसकी जांच करवाई जाएगी। यदि किसी भी प्रकार का गलत अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया गया है या गड़बड़ी पाई गई है तो इसमें लिप्त अफसरों और कर्मचारियों के खिलाफ खिलाफ सख्त एक्शन होगा।