Sunday, October 13, 2024

5 साल में निकली सभी भर्तियों में नकल करवाई:जेईएन, एसआई, टीचर भर्ती के पेपर बेचे; मास्टरमाइंड के पास सभी अभ्यर्थियों की जानकारी

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एसआई भर्ती 2021 पेपर लीक मामले में गिरफ्तार हुए रिंकू शर्मा से पूछताछ में कई खुलासे हुए हैं। रिंकू शर्मा ने एसओजी को बताया कि जेईएन भर्ती 2020 पेपर लीक के मास्टरमाइंड हर्षवर्धन कुमार मीणा के लिए काम करता था। रिंकू सालों से हर्षवर्धन के लिए नकल गैंग चला रहा था।

दोनों 5 साल में जेईएन, एसआई, टीचर, शारीरिक शिक्षक भर्ती के पेपर लोगों को बेच चुके हैं। सभी सरकारी नौकरी कर रहे हैं। इन सभी अभ्यर्थियों की जानकारी हर्षवर्धन अपने पास में रखता है। इस पर एसओजी की टीम ने सोमवार को हर्षवर्धन को जेल से रिमांड पर ले लिया है।

एसओजी के एडीजी वीके सिंह ने बताया- रिंकू शर्मा से मिली जानकारी की जांच के लिए टीम लगा दी है। हर्षवर्धन के पास रिंकू शर्मा सालों से काम कर रहा था। वो पेपर लीक कर पास करने वाले अभ्यर्थी के बारे में जानता है। रिंकू से जो जानकारी मिली है। उसके अनुसार हर्षवर्धन ने कई अहम जानकारी एसओजी से छिपाई है। अब दोनों आरोपियों को आमने-सामने बैठा कर पूछताछ की जाएगा।

हर्षवर्धन ने नहीं दी थी एसओजी को पूरी जानकारी रिंकू ने खोली पोल
हर्षवर्धन ने जेईएन भर्ती परीक्षा में पेपर लीक से लेकर डमी कैंडिडेट बिठाने की जानकारी एसओजी को दी थी। लेकिन रिंकू शर्मा ने बताया- कैसे हर्षवर्धन उसकी इस गैंग को ऑपरेट करता था। पिछले 5 साल में जो भी भर्तियां राजस्थान सरकार ने कराई। हर्षवर्धन उसमें नकल करवा चुका है।

पिछले 5 साल में बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों को नकल करवा कर सरकारी नौकरी दिलवा चुका है। रिंकू शर्मा से हुई पूछताछ में सामने आया है कि जेईएन, एसआई, टीचर, शारीरिक शिक्षक भर्ती के पेपर अभ्यर्थियों को बेचे गए। इन सभी अभ्यर्थियों की जानकारी हर्षवर्धन अपने पास में रखता है।

एक डमी कैंडिडेट बिठाने के लिए 5-7 लाख रुपए लेते थे
पेपर लीक की गैंग चला रहे हर्षवर्धन को रिंकू शर्मा अपना गुरु मानता था। रिंकू ने हर्षवर्धन के साथ मिलकर करोड़ों रुपए कमाए। दोनों केन्द्र सरकार द्वारा आयोजित परीक्षाओं में भी डमी कैंडिडेट बिठाने का काम कर चुके हैं। एक डमी कैंडिडेट बिठाने के लिए हर्षवर्धन 5 से 7 लाख रुपए लिया करता था। हर्षवर्धन के लिए रिंकू अभ्यर्थियों से पैसा लेने और पेपर पढाने का काम करता था। रिंकू ने कई बार हर्षवर्धन से मिले पेपर को अपने परिचित को भी दिया। इससे उसके कई रिश्तेदार अभी सरकारी नौकरी में हैं।

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