Monday, October 14, 2024

हाई कोर्ट ने गलता पीठ के महंत अवधेशाचार्य की नियुक्ति को किया रद्द

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हाईकोर्ट ने सोमवार को जयपुर के गलता पीठ तीर्थ के महंत अवधेशाचार्य की नियुक्ति को रद्द कर दिया है। 

जस्टिस समीर जैन की एकल पीठ ने अवधेशाचार्य और अन्य की अपील को निस्तारित करते हुए यह फैसला सुनाया है। कोर्ट ने सरकार से पीठ को टेकओवर करके साल 1943 की स्थिति बहाल करने के निर्देश दिए हैं। गलता पीठ का विकास अयोध्या के राम मंदिर और उज्जैन के महाकाल कॉरिडोर की तर्ज पर करवाने को कहा है। गलता पीठ की अब तक बेची गई सभी संपत्तियों की बिक्री को भी निरस्त कर दिया है।

हाई कोर्ट ने कहा है कि गलता पीठ के अवधेशाचार्य स्वयंभू महंत बने हुए हैं। उनकी नियुक्ति पूरी तरह से अवैध है। जयपुर स्टेट ने उनके पिता रामोदाचार्य को महंत नियुक्त किया था। उनके निधन के बाद महंत नियुक्त करने का अधिकार केवल राज्य सरकार के पास है। इसलिए अवधेशाचार्य की नियुक्ति पूरी तरह से अवैध है।

महंत अवधेशाचार्य, उनकी मां गायत्री देवी और अन्य ने देवस्थान आयुक्त के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की थी। कोर्ट ने 22 फरवरी को सुनवाई पूरी करके फैसला सुरक्षित रख लिया था।

अतिरिक्त महाधिवक्ता बसंत सिंह छापा ने बताया कि हाईकोर्ट ने सरकार को गलता पीठ और उससे जुड़ी संपत्तियों को टेकओवर करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही कहा है कि गलता पीठ जनभावना से जुड़ा हुआ है। ऐसे में सरकार जयपुर के प्रसिद्ध गलता पीठ का विकास अयोध्या के राम मंदिर और उज्जैन के महाकाल कॉरिडोर की तर्ज पर करवाए। इसके अलावा कोर्ट ने कहा है कि सरकार गलता पीठ में 1943 की स्थिति बहाल करें।

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